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बाजार में बड़ी गिरावट से ₹5 लाख करोड़ डूबे; सेंसेक्स 1017 अंक टूटा, निफ्टी 24900 से नीचे

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नई दिल्ली. हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई। शुक्रवार के कारोबारी सत्र के बाद सेंसेक्स 1,017.23 (1.23%) अंक टूटकर 81,183.93 पर बंद हुआ। दूसरी ओर, निफ्टी 292.95 (1.17%) अंक फिसलकर 24,852.15 के स्तर पर पहुंच गया। अमेरिका में रोजगार के आंकड़े आने से पहले निवेशकों में बेचैनी दिखी। अमेरिकी रोजगार के आंकड़ों फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती के आकार और गति को निर्धारित कर सकते हैं। ऐसे में इससे आने वाले समय में बाजार का रुझान तय होगा।

सेंसेक्स शुक्रवार को 1100 अंकों तक टूटा
वैश्विक बाजारों में कमजोरी के बीच घरेलू शेयर बाजार के भी सभी क्षेत्रों में बिकवाली देखी गई। शुक्रवार के कारोबारी सत्र के दौरान बीएसई सेंसेक्स 81,200 से नीचे फिसलकर 1,100 अंक से अधिक नीचे पहुंच गया। इस बीच, निफ्टी 50 भी 24,900 अंक से नीचे फिसल गया।

बीएसई का मार्केट कैप 5.3 लाख करोड़ रुपये कम हुआ
शुक्रवार के कारोबारी सत्र के बाद बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.3 लाख करोड़ रुपये घटकर 460.35 लाख करोड़ रुपये रह गया। सेंसेक्स के शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, इंफोसिस, आईटीसी, एचसीएल टेक और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट से इंडेक्स धड़ाम हो गया।

सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए
सेक्टरवार देखें तो, निफ्टी पीएसयू बैंक और ऑयल व गैस इंडेक्स में 2% से अधिक की गिरावट आई। वहीं, ऑटो, बैंक, मीडिया, मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयर 1% से तक टूटे। घरेलू स्तर पर केंद्रित स्मॉल-कैप इंडेक्स में 0.9% की गिरावट दिखी। मिड-कैप इंडेक्स 1.3% तक फिसल गया। एकल शेयरों में अशोका बिल्डकॉन के शेयरों के शेयर 6% तक चढ़े। इसकी सहायक कंपनी वीवा हाईवे ने पुणे की एक जमीन को बचेकर 453 करोड़ रुपये हासिल किए हैं, इसके बाद शेयरों में यह बढ़त आई।

शेयर बाजार को क्यों रास नहीं आया शुक्रवार?
अमेरिका में शुक्रवार को आने वाले प्रमुख अमेरिकी रोजगार आंकड़ों से पहले निवेशकों के बीच घबराहट दिखी। इससे इक्विटी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने हाल ही में इस बात पर जोर दिया था कि नीति निर्माता श्रम बाजार में और अधिक कमजोरी का स्वागत नहीं करेंगे। इससे सितंबर में संभावित दर कटौती की संभावना बन गई है। विश्लेषकों को नौकरियों में 165,000 की वृद्धि और बेरोजगारी दर में 4.2% की गिरावट की उम्मीद है। नौकरियों के कम अवसर और निजी क्षेत्र में कम लाभ के बाद बाजार की चिंता बढ़ी है।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुस्ती की आशंका से चिंता में निवेशक
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार के अनुसार अगर आज अगस्त के रोजगार के आंकड़े उम्मीद से कमजोर रहते हैं तो फेड कम से कम ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। हालांकि बाजार इस संदेश को सकारात्मक ढंग से नहीं ले पा रहा जिस कारण इक्विटी बाजार में गिरावट दिख रही है। वृद्धि दर की चिंता और अमेरिकी अर्थव्यवस्था सुस्ती से पैदा हुई आशंकाएं बाजार पर भारी पड़ सकती हैं।”

सेबी की समय सीमा के कारण बाजार में दिखी घबराहट
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार आज घरेलू बाजार में एफआईआई डिस्कलोजर नॉर्म (FIIs Disclosure Norm) पर सेबी की समय सीमा (9 सितंबर) के कारण घबराहट दिखी। हालांकि उन्होंने कहा कि इससे दीर्घ अवधि में एफआईआई के लिए भारतीय बाजार के आकर्षण पर असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। शुक्रवार को वैश्विक बाजार भी अमेरिका के गैर-कृषि पेरोल डेटा के जारी होने से पहले सतर्क रुख अपनाते दिखे। इसके अतिरिक्त, तेल की कीमतों में लगातार गिरावट 14 महीने के निचले स्तर पर और कमजोर नौकरी के अवसरों के आंकड़े निकट भविष्य में अमेरिका में मंदी की आशंकाओं को बढ़ा रहे हैं। कुल मिलाकर इन चीजों ने शुक्रवार को बाजार पर दबाव बढ़ाया।