राजनांदगांव। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले छत्तीसगढ़ के कई सीमावर्ती रेलवे स्टेशन वर्तमान में नागपुर मंडल में शामिल हैं, जबकि उनका भौगोलिक और प्रशासनिक संबंध छत्तीसगढ़ राज्य से है। इस विसंगति को लेकर भाजपा नेता विवेक मोनू भंडारी ने केंद्र सरकार और रेलवे मंत्रालय से मांग की है कि इन स्टेशनों को नागपुर मंडल से हटाकर रायपुर मंडल में जोड़ा जाए।
विवेक मोनू भंडारी ने कहा कि राजनांदगांवए डोंगरगढ़, बोरतलाव, जटकन्हार, मुसरा, बाकल जैसे स्टेशन छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित हैं, लेकिन नागपुर रेल मंडल (महाराष्ट्र) के अंतर्गत आते हैं। इससे आम यात्रियों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन को समन्वय में कठिनाई आती है, वहीं क्षेत्रीय विकास में भी बाधा उत्पन्न होती है।
भौगोलिक दृष्टि से छत्तीसगढ़ में स्थित स्टेशनों को जब नागपुर मंडल से हटाकर रायपुर में जोड़ा जाएगा, तब रेलवे, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच तालमेल बेहतर होगा। निर्णय प्रक्रिया तेज होगी और पारदर्शिता आएगी।
नागपुर की जगह रायपुर से सेवाएं मिलने पर टिकटिंग, शिकायत, समय-सारणी और अन्य समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही समाधान मिल सकेगा, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी।
रायपुर मंडल से जुड़ने पर रेल सुविधाओं की निगरानी और बजट की मांग अधिक प्रभावी होगी। इससे राजनांदगांव व आसपास के क्षेत्रों में रेल अधोसंरचना का तेजी से विकास संभव होगा।
टिकट बुकिंग, खानपान, सफाईए ट्रैक मरम्मत जैसे कार्यों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलेगी। इससे आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
रायपुर मंडल के अधिकारी छत्तीसगढ़ी भाषा, संस्कृति और स्थानीय जरूरतों से परिचित होते हैं, जिससे सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी शक्तिपीठ और जैन आचार्य विद्यासागर महाराज की समाधि स्थल में देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। हर साल नवरात्रि में दो बार नौ-नौ दिन के मेले लगते हैं, जिससे रेलवे को विशाल राजस्व प्राप्त होता है। परंतु इसका लाभ छत्तीसगढ़ को नहीं मिलता। रायपुर मंडल में आने से पर्यटन विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी।
विवेक मोनू भंडारी ने कहा कि यह सिर्फ प्रशासकीय या तकनीकी विषय नहीं है, बल्कि आम जनता के हितों से जुड़ा निर्णय है। हम उम्मीद करते हैं कि रेल मंत्रालय राज्य की भावना, भौगोलिक यथार्थ और यात्रियों की जरूरतों को समझेगा और इस दिशा में त्वरित निर्णय लेकर छत्तीसगढ़ के इन स्टेशनों को रायपुर मंडल में शामिल करेगा।
उन्होंने स्थानीय सांसदों, विधायकों, निगम और पंचायत पदाधिकारियों से भी अपील की कि वे इस मांग को मजबूती से उठाएं, ताकि जल्द ही सकारात्मक निर्णय लिया जा सके और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में रेलवे सेवाओं का समुचित विकास हो सके।