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मोदी कैबिनेट में कई अहम फैसले: असम-मेघालय के बीच नया हाईवे, गन्ने के एफआरपी में किया गया इजाफा

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नई दिल्ली. केंद्र सरकार की कैबिनेट की बैठक में बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए हैं। सरकार ने असम और मेघालय के बीच नए हाईवे के निर्माण को मंजूरी दी है। यह हाईवे सिल्चर से शिलॉन्ग तक बनेगा। इसका निर्माण नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर के तहत किया जा रहा है। Fइसके अलावा गन्ने के एफआरपी को बढ़ाने का एलान किया गया है। गन्ने की नई एफआरपी 355 रुपए प्रति कुंटल की गई है। वहीं मोदी सरकार आगामी मूल जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने का भी एलान किया है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकी दी।
ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड कॉरिडोर (NH-6) के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिसकी कुल लंबाई 166.80 किलोमीटर होगी। यह मार्ग मेघालय में शिलॉन्ग के पास मावलिंगखुंग से शुरू होकर असम में सिलचर के पास पंचग्राम तक जाएगा।

परियोजना की कुल लंबाई – 166.80 किमी

मेघालय में – 144.80 किमी

असम में – 22.00 किमी

परियोजना की कुल लागत –₹22,864 करोड़

परियोजना का समन्वय इन प्रमुख परिवहन मार्गों से होगा:
NH-27, NH-106, NH-206, NH-37

इससे गुवाहाटी, शिलॉन्ग, सिलचर, डिएंगपासोह, उम्मुलोंग, फ्रामेर, ख्लिएरियात, रताचेरा, उमकियांग, कलैन जैसे शहरों और कस्बों से निर्बाध संपर्क सुनिश्चित होगा।

गन्ना किसानों को बड़ी सौगात
सरकार ने बुधवार को अक्टूबर से शुरू होने वाले आगामी 2025-26 सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 4.41 प्रतिशत बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया। चालू 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

केंद्र सरकार एफआरपी तय करती है, जो अनिवार्य न्यूनतम मूल्य है। चीनी मिलें गन्ना किसानों को उनकी उपज के लिए यह मूल्य देने को कानूनी रूप से बाध्य हैं।सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सीसीईए की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मूल वसूली दर यानी प्रसंस्करण के दौरान गन्ने से प्राप्त चीनी 10.25 प्रतिशत रहने पर 355 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी स्वीकृत किया गया है।

चीनी प्राप्ति दर इससे अधिक होने पर मूल्य अधिक मिलेगा, जबकि कम होने पर मूल्य कम हो जाएगा। इस तरह 9.5 प्रतिशत की दर पर किसानों को 329.05 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। इससे कम चीनी प्राप्ति की दर होने पर कोई कटौती नहीं की जाएगी और न्यूनतम 329.05 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान हर हाल में किसानों को किया जाएगा।
गन्ना 2025 के लिए उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी)

हर गन्ना सीजन में, केंद्र सरकार कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर गन्ने का एफआरपी तय करती है।

एफआरपी एक मानक मूल्य है, इससे कम कीमत पर कोई भी चीनी मिल किसानों से गन्ना नहीं खरीद सकती।

एफआरपी की वास्तविक गणना सभी प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में उत्पादन लागत के आधार पर की जाती है।

गन्ने काएफआरपी “गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966” के तहत निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है।