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27 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय रहते हुए कमलेश स्वर्णकार ने शहर की हर समस्या को न सिर्फ समझा है, बल्कि उसे मुखर होकर उठाया भी है

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राजनांदगांव। शहर के विकास की दिशा नगरीय निकाय चुनाव से तय होती हैं, संस्कारधानी कहे जाने वाले राजनांदगांव जिला आज बदलाव की ओर देख रहा है। आम आदमी पार्टी से महापौर प्रत्याशी, निर्भीक पत्रकार कमलेश स्वर्णकार सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं। 27 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय रहते हुए उन्होंने शहर की हर समस्या को न सिर्फ समझा है, बल्कि उसे मुखर होकर उठाया भी है। आज जब शहर को एक सशक्त और दूरदर्शी नेतृत्व की जरूरत है, ऐसे में कमलेश स्वर्णकार जैसे अनुभवी व्यक्ति का आगे आना एक नई उम्मीद जगाता है।
गौरतलब है कि, वरिष्ठ पत्रकार कमलेश स्वर्णकार की आवाज में सिर्फ शब्द ही नहीं, बल्कि संघर्ष की चिंगारी भी है। उन्होंने हमेशा राष्ट्रहित और जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता दी है। शहर के नए बस स्टैंड की खराब स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करना हो या राजनांदगांव की प्रतिष्ठित हॉकी नर्सरी का खिताब बचाने की लड़ाई, उन्होंने हर मोर्चे पर जनता की आवाज को बुलंद किया है।
उन्होंने कहा कि शहर में कई तालाब हैं, लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने उनकी सफाई और रख-रखाव को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। इन तालाबों का पानी निस्तारी के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन दूषित जल बीमारियों का बड़ा कारण बन रहा है। पत्रकार कमलेश स्वर्णकार इस समस्या को न केवल उठाते रहे हैं, बल्कि इसके समाधान की भी पुरजोर वकालत करते रहे हैं, उनका स्पष्ट मानना है कि विकास के लिए केवल धन की नहीं, बल्कि सही नीयत की जरूरत होती है और यह नीयत अब तक किसी ने सही ढंग से अपनाई नहीं।
वे आगे कहते हैं कि मुझे दुख होता है जब मैं आज भी लोगों को राशन कार्ड के लिए भटकते देखता हूँ। वार्डों में पानी की किल्लत देखकर दुख होता है। काम करवाने के लिए लोगों को एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर भटकते देखकर दुख होता है। मुझे हर उस व्यक्ति को देखकर दुख होता है जिसने एक जनप्रतिनिधि को इस उम्मीद से चुना था कि यह व्यक्ति मेरे जीवन में बदलाव लाएगा। रिश्वतखोरी की जड़ को खत्म करके भयमुक्त माहौल बनाने की जरूरत है।
सड़क, भवन और इंफ्रास्ट्रख्र डेवलपमेंट ही विकास का पर्याय नहीं है। सही मायने में विकास वहां रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता और नैतिक विकास पर निर्भर करता है, लेकिन राजनांदगांव के वार्डों में नशाखोरी की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। युवा पीढ़ी को नशे की गर्त में जाने से बचाने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। इस बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए एक दृढ़ निश्चयी नेतृत्व चाहिए और कमलेश स्वर्णकार इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
देश बनता है वहां रहने वाले लोगो से और जब तक यहां के स्थानीय लोगों के जीवन मे विकास नहीं होगा, तब तक बड़ी.बड़ी बातें करने का कोई फायदा नहीं है। श्री स्वर्णकार कहते हैं कि मेरा लक्ष्य अंतिम व्यक्ति के चेहरे पर भी निश्चल मुस्कान देखना है। शिक्षा और स्वास्थ्य दो ऐसी चीजें हैं जिनमें हमें बेहतर काम करने की जरूरत है। महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध ऐसे कई छोटे-छोटे मुद्दे हैं जो हमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं।
आज राजनांदगांव को ऐसे नेता की तलाश है जो सिर्फ वादे ही न करें, बल्कि जमीनी हकीकत को समझकर समाधान भी निकाले। कमलेश स्वर्णकार का अनुभव, निडरता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता इस शहर को नई दिशा देने में सहायक हो सकती है, उनका चुना जाना सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक नई सोच और ईमानदार प्रशासन का समर्थन होगा।