दुर्ग। आगामी नगरीय निकाय चुनाव हेतु नगर निगम क्षेत्र के 60वार्डो के मतदान केंद्रों में 16से 30 अक्टूबर तक मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने काटने व संशोधन के लिए दावा आपत्ति शिविर लगाया था, जिसमे लगभग दो हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें निर्धारित पात्रता के बावजूद अधिकांश नए नाम जोड़ने के सभी आवेदनो को जांचकर्ता स्थानीय निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारीयो द्वारा निरस्त कर दिया गया है, जिससे निकाय चुनाव में सभी मतदान देने से वंचित हो जाएंगे ईस मामले को लेकर आज भाजपा नेताओं व पार्षदों ने जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी को ज्ञापन सौंपकर सभी आवेदको के फार्म स्वीकृत कर मतदाता सूची में नाम जोड़ने की मांग किया।
जिलाधीश से मिलने वालो में भाजपा के नगरीय निकाय चुनाव सदस्य व पूर्व सभापति दिनेश देवांगन, उप नेता प्रतिपक्ष देवनारायण चंद्राकर, मंडल अध्यक्ष डॉ. सुनील साहू पार्षद कांशीराम कोसरे चंद्रशेखर चंद्राकर अरुण सिंह मनीष साहू अजीत वैद्य, शशि साहू,कमल देवांगन, खिलावन मटियारा, द्वारिका साहू, जग्गी शर्मा, कुलेश्वर साहू, भास्कर तिवारी,नरेंद्र ठाकुर सहित अन्य नेता मौजूद थे।
ज्ञापन में भाजपा नेताओं जिला निर्वाचन अधिकारी को जानकारी देते हुए बताया की प्रारंभिक सूची के प्रकाशन के बाद सभी मतदान केंद्र में 16 से 30 अक्टूबर तक नए मतदाताओं का नाम जोड़ने आवेदन जमा कराए थे, जिनकी आयु 1 जनवरी 2024 की स्थित में 18 पूर्ण कर लिए हो या उससे अधिक कि आयु के स्थानीय नागरिक जो किसी कारणवश लोकसभा या विधान सभा चुनाव में नाम नही जुड़वा पाया था या उनका नाम लोकसभा चुनाव में किसी कारणवश विलोपित हो गया था, ऐसे सभी ने प्रारूप क 1 में फार्म भरकर जमा किए थे। साथ ही कुछ आवेदक जिनके परिजन के नाम सूची में आए हैं, लेकिन 40 वर्ष से स्थाई निवासी होने बाद भी उनका नाम कट गया है, ऐसे सभी लोगो द्वारा नाम जुड़वाने विधिवत आवेदन के बावजूद भी उनका फार्म निरस्त कर उन्हे मतदान से वंचित कर दिया गया है, इसकी बकायदा उन्हे नोटिस के माध्यम से सूचना भी भेजी गई है, जिसकी जानकारी मिलने पर भाजपा नेताओं व पार्षदों ने इसे मतदाताओं के साथ अन्याय बताते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधीश के समक्ष पूरी जानकारी देकर आवेदन स्वीकार कर नाम जोड़ने के आदेश देने की मांग किया जिस पर कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने शासन स्तर पर मार्गदर्शन लेकर गंभीरता से विचार कर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।
इस संबंध में निगम पूर्व सभापति दिनेश देवांगन ने कहा है कि मतदान देना स्थानीय नागरिकों का मौलिक अधिकार है और इससे किसी को वंचित नही किया जा सकता किंतु विभागीय गलतियों या नागरिकों के चूक से छूटे नाम को जोड़ने यदि निर्धारित प्रक्रिया के तहत कोई समय पर आवेदन किया है, तो उस पर आयोग को गंभीरता से विचार कर नाम जोड़ना चाहिए ऐसा पूर्व में भी हुआ है और कई बार चुनाव प्रक्रिया के दौरान भी छूटे नाम जोड़े गए है, लेकिन ईस बार नए नाम जोड़ने शासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद छूटे मातादाओ का आवेदन लेने बाद भी निरस्त किया जाना समझ से परे है। इस विषय को सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में लाया गया है ताकि किसी भी नागरिक अपने मतदान से वंचित न हो।