इंदौर । मध्य प्रदेश में होने वाले मंत्रिमंडल गठन में सिंधिया खेमे के तुलसीराम सिलावट को भी मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसा हुआ तो वे तीसरी बार मंत्री पद की शपथ लेंगे। सिलावट कमलनाथ और शिवराज सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं और वे वर्तमान में सांवेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
कौन हैं तुलसीराम सिलावट
तुलसीराम सिलावट ने अपना राजनीतिक जीवन छात्र नेता के तौर पर शुरू किया था। वे 1978 से 1989 तक शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे थे। बाद में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए।
कांग्रेस से शुरू किया सफर
तुलसीराम सिलावट ने कांग्रेस पार्टी से जुड़कर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उन्होंने पहली बार 1982 में पार्षद का चुनाव जीता और जीत दर्ज की। सिलावट ने पहला विधानसभा चुनाव सांवेर से 1985 में लड़ा और विधानसभा पहुंचे। इसके बाद उन्हें मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया। वहीं 2007 में हुए उपचुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की। सिलावट 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में भी चुनावी मैदान में भी उतरे और जीत दर्ज की। इसके बाद 2018 में चौथी बार सांवेर विधायक बने। उन्हें कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था।
कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए शामिल
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद सिलावट ने भी कांग्रेस और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सांवेर में दोबारा हुए उपचुनाव में भी जीत दर्ज की और शिवराज सरकार में उन्हें जल संसाधन मंत्री बनाया गया है। तुलसीराम सिलावट 2023 के हुए चुनाव में जीतकर छठवीं बार विधायक बने हैं।
1982 में उन्होंने नगर निगम के पार्षद का चुनाव जीता तुलसीराम सिलावट ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1985 में गीता इसके बाद उन्हें 1998 से 2013 तक के मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे साथी 2007 में हुए विधानसभा उपचुनाव में विधायक बने और 2018 आठ का चुनाव में उन्होंने जीत 2018 में चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया और कमलनाथ सरकार में मंत्री बनाए गए