Home छत्तीसगढ़ बस्तर के हाटबाजारों में इन दिनों खूब बिक रहा है वनजीरा

बस्तर के हाटबाजारों में इन दिनों खूब बिक रहा है वनजीरा

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रायपुर .बस्तर के हाटबाजारों में इन दिनों खूब बिक रहा है वनजीरा . वनजीरा और बादाम का मिश्रण खाने से शुगर दूर होता है इस बात की क्षेत्र में काफी चर्चा है जिसके चलते इन दिनों बस्तर के हाट-बाजारों में वनजीरा 200 से 300 रुपए प्रति किग्रा की दर से लोग खरीद रहे हैं। बताया गया कि बस्तर का वनजीरा महानगरों में भी भिजवाया जा रहा है।इधर आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना है कि वनजीरा काफी कड़वा होता है, इसलिए लोग शुगर से निजात पाने इसे खाने लगे हैं लेकिन आयुर्वेद में शुगर के लिए इसके सीधे उपयोग का कहीं उल्लेख नहीं है।इन दिनों बस्तर, करंजी, लोहण्डीगुड़ा, तोकापाल, दरभा, नानगूर, बड़ांजी आदि बाजारों में वनजीरा की काफी खरीदी हो रही है। व्यापारी ग्रामीणों से इसे 200 रुपए प्रति किग्रा की दर से खरीद रहे हैं वहीं आम खरीददारों को 300 रुपए की दर से बेच रहे हैं।

बस्तर के साप्ताहिक बाजार में वनजीरा खरीदने पहुंचे शहर के कुछ लोगों ने बताया कि उन्हे वॉटसएप से जानकारी मिली है कि एक भाग वनजीरा, दो भाग बादाम और एक भाग तेजपत्ता मिलाकर तथा इसका पाउडर बनाकर प्रतिदिन खाने से शुगर कंट्रोल रहता है, इसलिए वे वनजीरा खरीदने पहुंचे हैं।इसे हिन्दी में काली जीरी और आयुर्वेद में अरण्य जीरक और अंग्रेजी में पर्पल क्लोबेन कहा जाता है। इसमें 10 प्रकार का रासायनिक तत्व पाया जाता है, इसलिए वनजीरा का उपयोग कृमिरोग, चर्मरोग, आंतविकारों, बिच्छू और मधुमक्खी के दंश से निजात पाने तथा विभिन्न प्रकार के बुखारों में होता है। यह आम जीरा की तरह ही दिखता है लेकिन काफी कड़वा होता है। आायुर्वेद चिकित्सा पद्घति में वनजीरा का काफी महत्व है।

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