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व्याख्याता की विदाई पर भावुक हुआ पूरा गांव, छात्र-छात्राओं की आंखें हुईं नम

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राजनांदगांव। पंडित तुलसी प्रसाद मिश्रा शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला, चिरचारी कला में व्याख्याता मनहरण लाल पिथौरा के सेवानिवृत्त होने पर संकुल स्तरीय विदाई एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्रों से लेकर ग्रामीणों तक सभी भावुक नजर आए। छात्र-छात्राएं अपने प्रिय शिक्षक की विदाई पर फूट-फूटकर रो पड़े। समारोह में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक भोलाराम साहू ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष किरण रविन्द्र वैष्णव, जनपद अध्यक्ष संजय सिन्हा, सरपंच भारती मंडावी, जिला महामंत्री नरेश शुक्ला, विधायक प्रतिनिधि लालचंद साहू, पूर्व जनभागीदारी अध्यक्ष प्रहलाद मिश्रा, वर्तमान अध्यक्ष अंजनी शर्मा, विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रशांत चितावरकर, प्राचार्य एसबी उर्वशा तथा स्त्रोत समन्वयक पीडी साहू मंचासीन रहे।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन व छात्राओं के स्वागत गीत से हुई। इसके पश्चात विद्यालय के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। व्याख्याता पिथौरा को स्मृति चिन्ह, आदर्श पुस्तकें और अंगवस्त्र भेंटकर भावभीनी विदाई दी गई।
विधायक भोलाराम साहू ने कहा कि शिक्षक पिथौरा के अनुभव और मार्गदर्शन का लाभ छात्रों को लंबे समय तक मिलता रहा है। विद्यालय को उनकी कमी हमेशा खलेगी।
जिपं अध्यक्ष किरण रविन्द्र वैष्णव ने कहा कि पिथौरा सर ने अनुशासन, समर्पण और स्नेहभाव से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है।
जनपद अध्यक्ष संजय सिन्हा ने कहा कि शिक्षक का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने विद्यार्थियों में ज्ञान का दीप जलाया है।
मनहरण लाल पिथौरा ने अपने 12 वर्षों के सेवाकाल में चिरचारी कला में बच्चों को शिक्षित करने के साथ-साथ समाज के प्रति समर्पण भाव से कार्य किया। ग्रामीणों से उनका गहरा जुड़ाव था, यही कारण रहा कि विदाई की सूचना मिलते ही गांव में जनसैलाब उमड़ पड़ा और हर आंख नम हो गई।
कार्यक्रम में संस्था के वरिष्ठ व्याख्याता विमला माहेश्वरी, संकुल समन्वयक भूषण वाडेकर, प्रधान पाठक हेमंत सलामे, गज्जू कन्नौजे, महेश पड़ोती, हीरालाल गजभिये, अखिल पटेल, देवेंद्र साहू, अशोक सहाड़े, संतोष निर्मलकर, चतुर साहू, प्रकाश सिलाता, पुष्पा चुरेन्द्र, सेवती साहू, दीपमाला साहू, खेलन देवांगन, एकलव्य साहू, प्रेम भुआर्य, सविता सलामें सहित कई शिक्षक व ग्रामीण मौजूद रहे।
कार्यक्रम का समापन आत्मीयता, सम्मान और यादों के साथ हुआ। यह विदाई समारोह चिरचारी कला गांव के इतिहास में एक भावनात्मक अध्याय के रूप में दर्ज हो गया।