भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में ऋषभ पंत का बल्ला जमकर बोला। उन्होंने लीड्स टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जड़े। वह ऐसा करने वाले भारत के पहले और दुनिया के दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज बने। पंत ने पहली पारी में 134 रन और दूसरी पारी में 118 रन बनाए। पंत की उम्र अभी 27 साल की है और वह दुनिया के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। वह भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी के कई रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। इतना ही नहीं अभी तक अपने 44 टेस्ट के करियर में उन्होंने कई और उपलब्धियां भी हासिल की हैं। उनकी तुलना ऑस्ट्रेलिया के महान विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट से होने लगी है। आइए जानते हैं कि 44 टेस्ट के बाद पंत, गिलक्रिस्ट और धोनी में किसके आंकड़े ज्यादा बेहतर रहे…
पंत ने 44 टेस्ट की 77 पारियों में अब तक 44.44 की औसत से 3200 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 74.03 का रहा है। पंत ने अभी तक टेस्ट में 15 अर्धशतक और आठ शतक जमाए हैं। वह रन बनाने के मामले में गिलक्रिस्ट और धोनी दोनों से काफी आगे हैं। हालांकि, औसत, स्ट्राइक रेट और अर्धशतक में गिलक्रिस्ट 44 टेस्ट के बाद उनसे आगे थे। गिलक्रिस्ट ने 44 टेस्ट की 62 पारियों में 58.80 के बेहतरीन औसत से 2940 रन बनाए थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 82.65 का रहा था। गिलक्रिस्ट ने 44 टेस्ट में 16 अर्धशतक और आठ शतक लगाए थे। धोनी बाकी दोनों की तुलना में काफी पीछे थे। उन्होंने 44 टेस्ट की 68 पारियों में 41.77 की औसत से 2465 रन बनाए थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 60.96 रहा था। धोनी ने 44 टेस्ट के बाद 17 अर्धशतक और चार शतक लगाए थे।
गिलक्रिस्ट ने ऑस्ट्रेलिया के लिए कुल मिलाकर 96 टेस्ट खेले और इसकी 137 पारियों में 47.61 की औसत से 5570 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट (81.96) भी शानदार रहा। गिलक्रिस्ट ने टेस्ट करियर में 26 अर्धशतक और 17 शतक जड़े। हाल ही में भारत के पूर्व कोच और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने पंत को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ‘जब मैंने पहली बार उन्हें देखा तो उसने मुझे एडम गिलक्रिस्ट की याद दिला दी। बेशक एक अलग तरह का खिलाड़ी। जब एक विकेटकीपर उस स्तर पर बल्लेबाजी कर सकता है और तेजी से रन बना सकता है तो यह टीम के लिए कितना बड़ा अंतर पैदा कर सकता है, आप समझ सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘खूबसूरती यह है कि ऋषभ बहुत तेजी से रन बनाते हैं, जिससे आपको क्रिकेट मैच जीतने का समय मिल जाता है। उनका प्रदर्शन शानदार था। उन्होंने जो शॉट खेले उनमें से कुछ एमसीसी की खेल नियमावली में नहीं थे। वह एक बल्लेबाज के रूप में खेल को नया रूप दे रहे हैं। आधुनिक तकनीक के साथ बल्ले बहुत अलग हैं और आप ऐसे शॉट खेल सकते हैं जो पुराने जमाने में संभव नहीं थे। उन्हें देखना रोमांचक है। आप कभी नहीं जानते कि पहली गेंद से उनसे क्या उम्मीद की जाए। किसी भी स्तर पर वह तेज गेंदबाजों के लिए खिलाफ आगे बढ़कर या गिरते हुए रैंप शॉट खेल सकते हैं। आप कभी नहीं जानते कि क्या उम्मीद करनी है। इससे विपक्षी टीम सतर्क रहती है। वह मैच विजेता हैं और उन्होंने लीड्स टेस्ट में लगभग अंतर पैदा कर दिया था।’
पंत बल्लेबाजों की नवीनतम आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में करियर के सर्वश्रेष्ठ सातवें स्थान पर पहुंच गए। पंत एंडी फ्लॉवर के बाद दूसरे ऐसे विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए जिन्होंने टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाए हैं। जिम्बाब्वे के इस दिग्गज बल्लेबाज ने 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहली पारी में 142 और दूसरी पारी में 199 रनों की नाबाद पारी खेली थी। पंत की साहसिक पारी के बावजूद टीम इंडिया को लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। 371 रन के लक्ष्य को इंग्लैंड ने बैजबॉल अंदाज में 82 ओवर में हासिल कर लिया। अब भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट दो जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेला जाएगा।