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जनपद पंचायत छुईखदान की सामान्य प्रशासन समिति का बड़ा फैसला, सीईओ निलंबन का प्रस्ताव पारित

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छुईखदान। जनपद पंचायत छुईखदान में बुधवार को आयोजित सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक के बाद एक सख्त फैसले लिए गए। बैठक में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) रवि कुमार को निलंबित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। यह निर्णय जनपद में लगातार उजागर हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों और नियमों के विरुद्ध एकल हस्ताक्षर से करोड़ों रुपए के भुगतान को देखते हुए लिया गया।
बैठक में सदस्यों ने आरोप लगाया कि सीईओ ने जनपद के नियमों को दरकिनार कर अपने पसंदीदा वेडर को सीधे भुगतान किया, जिससे पंचायत और जनप्रतिनिधियों की भूमिका नगण्य हो गई। इस पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है। साथ ही यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, जनपद के किसी भी मद से कोई भी भुगतान नहीं किया जाएगा।
सामान्य प्रशासन समिति के बैठक में यह भी खुलासा हुआ कि कुछ दैनिक वेतनभोगी ऑपरेटरों ने सीईओ के साथ मिलकर फर्जी तरीके से विकास मद के रुपए अपने खातों में स्थानांतरित किए। इन गंभीर आरोपों के आधार पर ऑपरेटर सुदामा साहू, सतीश जंगाड़े, दीपक और कलेश्वर सेन को तत्काल प्रभाव से काम से हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा लिपिक पद पर कार्यरत कोमल जंघेल को जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार के चलते पद से हटाने का निर्णय लिया गया।
सामान्य प्रशासन समिति ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि बिना समिति की स्वीकृति के अब किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाएगा। सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि यह व्यवस्था जनपद की पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
समिति की बैठक के दौरान सीईओ रवि कुमार मेडिकल अवकाश पर थे, उनके स्थान पर एडीईओ गोपाल गिरी ने बैठक में भाग लिया।
दोपहर 12 बजे से प्रारंभ हुई सामान्य सभा की बैठक का माहौल शुरुआत से ही गरम रहा। सीईओ की गैरमौजूदगी और सूचना प्रणाली में पारदर्शिता की कमी पर कांग्रेस के सदस्य नाराज हो गए, उनका कहना था कि उन्हें केवल ऑनलाइन सूचना भेजी गई, जबकि ऑफ लाइन आमंत्रण और विभागीय ब्रोशर नहीं मिले। इससे बैठक की गंभीरता पर सवाल उठाया गया।
बैठक में जब सदस्यों ने विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति की समीक्षा की, तो पाया गया कि अधिकांश विभागों के अधिकारी अनुपस्थित थे। इससे नाराज होकर जनपद सदस्य रमेश साहू सहित अन्य सदस्यों ने अनुपस्थित अधिकारियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया।
बैठक में यह भी तय किया गया कि पहली बार अनुपस्थित अधिकारियों को नोटिस जारी किया जाएगा, वहीं बैठक में लगातार दूसरी बार अनुपस्थित रहने वाले विभाग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने उच्च अधिकारी को पत्राचार करने प्रस्ताव पारित किया गया।
जनपद पंचायत छुईखदान की सामान्य प्रशासन समिति के सदस्य डोमार सिंह भेड़िया ने बताया कि जनपद में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार और सीईओ व ऑपरेटरों की मनमानी के चलते समिति को सख्त कदम उठाने पड़े। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की राशि के गबन, एकल हस्ताक्षर से अनियमित भुगतान और जनप्रतिनिधियों को दरकिनार करने जैसे गंभीर मामलों के खुलासे के बाद सीईओ के निलंबन का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
डोमार ने आगे बताया कि सामान्य सभा की बैठक के दौरान अधिकतर विभागों के अधिकारी अनुपस्थित पाए गए, जिससे बैठक की प्रक्रिया बाधित हुई। अधिकारियों की गैरहाजिरी पर नाराजगी जताते हुए निंदा प्रस्ताव पारित किया गया और सामूहिक सहमति से बैठक को स्थगित कर दिया गया। उन्होंने जानकारी दी कि सामान्य सभा की अगली बैठक 2 जुलाई को आयोजित करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
इस संबंध में जनपद पंचायत छुईखदान के एडीईओ गोपाल गिरी का कहना है कि मैं फिलहाल बाहर हूं बाद में जानकारी दूंगा।