छुईखदान। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर डेंगू से बचाव हेतु प्रचार-प्रसार सामाग्री का विमोचन वाणिज्य उद्योग मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री लखन लाल देवांगन एवं अन्य जनप्रतिनिधि के द्वारा ग्राम-सालोनी, विकासखंड खैरागढ़ में किया गया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन के दिशा-निर्देश पर कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चंद्रवाल के दिशा-निर्देश एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा एवं डॉ. विवके बिसेन जिला मलेरिया अधिकारी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आशीष शर्मा ने बताया डेंगू रोग एडीज मच्छर के काटने से होता है। विशेष बात यह है कि यह एडिज मच्छर दिन के समय में ही काटता है। अतः पूरे शरीर ढकने वाला कपड़ा पहनना चाहिए। डेंगू के लक्षण अकस्मात तेज सिर दर्द, बहुत तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मिचलाना एवं उल्टी होना गंभीर मामलों में नाक-मुंह-मसूड़ों से खून आना और त्वचा पर चकत्ते उभरना है। डेंगू से बचाव हेतु कूलर के पानी को खाली कर नाली में ना डाले, उसे जमीन की सतह पर फेंके, ताकि पानी सतह पर सूख जाए। कूलर पानी की टंकी पशु-पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें, नारियल का खोल, बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने दें। घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली लगाएं। पैर में मोजे पहने एवं दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर उपचार करावे याद रखें एडिस मच्छर स्थिर एवं साफ पानी में पैदा होते हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विवेक बिसेन ने बताया कि डेंगू रोग के विषय में जनजागरूकता के लिये जिले में विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर डेंगू से बचाव संबंधी नारे लेखन एवं रैली आयोजन किया गया, जिसमे लोगों डेंगू होने के कारण, लक्षण तथा इससे बचाव के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गई। जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के विभिन्न ग्रामों में वार्डो में जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमति सोनल धुव्र, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक आकाश तंबोली एवं बृजेश ताम्रकार, विवेक मेश्राम व्हीबीडी टेक्निकल सुपरवाईजर चिकित्सा अधिकारी, खंड विस्तार एवं प्रशिक्षण अधिकारी, पर्यवेक्षक, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी एवं मितानिनों के द्वारा विभिन्न जागरूकता का कार्यक्रम आयोजित किया गया।