- (समय दर्शन) दुर्ग चित्पावन ब्राह्मण परिवार का पारंपारिक चैत्रगौरी हलदी कुंमकुम समारोह संपन्न विष्णुसहस्त्रनाम कंठस्थ करने पर इरा पाटणकर पंडित का 2100 रुपये, शाल ,श्रीफळ देकर सन्मान किया गया ।
आदरणीय प्रकाश कानाबार द्वारा घोषित पुरस्कार देने उनके छोटे भाई विक्रम कानाबार तथा गुरुकुल की दुर्ग में स्थापना कर ,बच्चोंको संस्कार देने और सनातन धर्म का प्रशिक्षण देने के लिए संकल्पित आशिष कानाबार द्वारा चिरंजीव इरा का सन्मान किया गया । एप्रिल चैत्र माह के शुभ अवसर पर प्रथम दीप प्रज्वलन ,
अन्नपूर्णा देवी का पूजन ,आरती कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । दीप प्रज्वलन हेतू परिवार की वरिष्ठ सदस्य कुमुद बापट ,सुमन परांजपे, सुचित्रा पटवर्धन को आमंत्रित किया गया।
हाल ही में कश्मीर की पहलगाम मे हुए अमानुष घटना का विरोध करते हुए इस घटना मे जिन लोगों ने अपना जीवन गवायाँ उनके परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करने हेतू दो मिनिट का मौन धारण कर शांती पाठ किया गया।
डाॅ .अनघा आगाशे ने चैत्रगौर हळदी कुंकूम मनाने का तथा चैत्रांगण रगोली मे बनाने वाले चिन्ह का हम क्यू बनाते है इसका महत्त्व , शिव पार्वती की कहानी के माध्यम से सुंदर तरीके से बताया । सुमन परांजपे द्वारा देवी गीत मंगला बेडेकर द्वारा महाराष्ट्र गीत तथा पद्मनाभपूर भजन मंडळी के सदस्य सुप्रिया खरे साक्षी बेहरे सुधा चोळकर रोहिणी पाटणकर द्वारा भजन प्रस्तुती दी गई ।सभी महिला सदस्य को हलदी कुंमकुम लगाकर चना,बताशा,आम का पन्हा, कॅरी की दाल परंपरागत प्रसाद वितरण किया गया । पाटणकर परिवार की और से देवी झुले मे बिठाकर सुंदर डेकोरेशन किया गया । इस अवसर पर परिवार के सदस्य में पांडुरंग बापट ,मुकुंद आगाशे, मनोहर फाटक ,राम पाटणकर विवेक जोशी ,जयंत दिवेकर हर्षवर्धन वझे तथा गजानन महाराज मंदिर के अध्यक्ष कापरे काका विशेष रूप से उपस्थित रहे ।महिला सदस्यों में वैष्णवी नातू ,वर्षा नातू ,दर्शना वझे ,अंजना बेहेरे, श्वेता फडके, सुप्रिया खरे, साक्षी बेहरे ,सुधा चोळकर ,मेघा पाटणकर, रोहिणी पाटणकर, विनिता जोशी, चारुशीला दिवेकर, डॉक्टर क्षिप्रा पाटणकर .प्रीती मोने, सारिका फाटक आदी सदस्य के सहयोग से कार्यक्रम यशस्वी हुआ । स्मिता फडके द्वारा मंच संचालन किया गया