राजनांदगांव। रुद्राक्षम् वेलफेयर सोसाइटी द्वारा पटरी पार क्षेत्र के बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं प्रगति के लिए चिखली स्कूल के मैदान में पेरेंट्स-कोच मीटिंग (पीसीएम) का आयोजन किया गया। यह आयोजन स्कूलों में होने वाली पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) की तर्ज पर एक नवाचारात्मक प्रयास था, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के खेल, अनुशासन और समग्र विकास को लेकर कोच और अभिभावकों के बीच प्रभावी संवाद स्थापित करना था।
इस अनूठे और सराहनीय प्रयास की पहल अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी एवं कोच मृणाल चौबे द्वारा की गई। बैठक में बड़ी संख्या में अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने विचार साझा किए।
रुद्राक्षम् वेलफेयर सोसाइटी के इस प्रयास पर छत्तीसगढ़ हॉकी के अध्यक्ष, हॉकी इंडिया के संयुक्त सचिव तथा जिला हॉकी संघ, राजनांदगांव के अध्यक्ष फिरोज अंसारी ने इसे ऐतिहासिक एवं प्रशंसनीय पहल करार दिया।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर कोच और अभिभावकों के बीच व्यक्तिगत (वन-टू-वन) चर्चाएं होती रहती हैं, किंतु इस प्रकार बड़े मंच पर सामूहिक संवाद स्थापित करना अत्यंत विलक्षण और प्रेरणादायक है।
श्री अंसारी ने आगे कहा कि रुद्राक्षम् वेलफेयर सोसाइटी का यह आयोजन तथा अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी एवं एनआईएस कोच मृणाल चौबे की पहल निश्चित रूप से खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास में लाभकारी सिद्ध होगी। उन्होंने अन्य संस्थानों से भी इस मॉडल को अपनाने का आग्रह किया।
इसी क्रम में जिला हॉकी संघ के सचिव शिवनारायण धकेता ने भी इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि खेल जगत को ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे अभिभावकों को खेल की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके और खिलाड़ियों के विकास में उनका सक्रिय योगदान सुनिश्चित हो सके।
इस संवाद सत्र में बच्चों की खेल-प्रगति को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। सत्र की शुरुआत कोच मृणाल चौबे ने कोच और पेरेंट्स के बीच प्रभावी संवाद के महत्व को रेखांकित करते हुए की। इस अवसर पर बच्चों की अब तक की खेल-प्रगति एवं संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
प्रत्येक बच्चे का एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण साझा कर व्यक्तिगत क्षमताओं और सुधार क्षेत्रों पर चर्चा हुई। कोच ने अनुशासनात्मक गतिविधियों की जानकारी देकर पेरेंट्स से सहयोग की अपेक्षा जताई।
पेरेंट्स से घर पर बच्चों की आदतों और व्यवहार की जानकारी ली गई, ताकि मैदान के बाहर भी बच्चों के सकारात्मक विकास को सुनिश्चित किया जा सके।
मोबाइल और टीवी के उपयोग को नियंत्रित करने तथा बच्चों की डिजिटल आदतों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया गया। मोहल्ले में अनावश्यक घूमने और नकारात्मक संगति से दूर रहने की सलाह दी गई।
समर वेकेशन के दौरान दिए गए होमवर्क को समय पर पूरा कराने में पेरेंट्स के सक्रिय सहयोग पर जोर दिया गया। संतुलित एवं पौष्टिक आहार के महत्व पर चर्चा की गई। बच्चों की नियमित उपस्थिति और समय पर प्रैक्टिस में भागीदारी सुनिश्चित करने तथा मानसिक स्वास्थ्य और आत्म-विश्वास बढ़ाने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ।
सत्र के अंत में अब तक हुई गतिविधियों और बच्चों की उपलब्धियों की समीक्षा की गई तथा आगामी खेल प्रतियोगिताओं व प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना के बारे में जानकारी दी गई।
अंततः आगामी पेरेंट्स-कोच मीटिंग की संभावित तिथि तय की गई और पेरेंट्स से सुझाव एवं फीडबैक आमंत्रित किए गए, ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी एवं बच्चों के अनुकूल बनाया जा सके।