नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 2025-26 के केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस बजट को ‘गोली के घावों के लिए बैंडेज’ जैसा बताया। उन्होंने कहा कि यह सरकार विचारों के मामले खोखली है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक संकट को हल करने के लिए आमूलचूल बदलाव की आवश्यकता है।
कांग्रेस ने भी की केंद्रीय बजट की आलोचना
इससे पहले कांग्रेस ने केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए कहा था कि यह वास्तविक मजदूरी, समग्र उपभोग में उछाल की कमी, निजी निवेश की सुस्त दरों और जटिल जीएसटी प्रणाली जैसी ‘बीमारियों’ का उपचार नहीं करता है, जिससे अर्थव्यवस्था ‘पीड़ित’ है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार बिहार को बड़ी सौगात दे रही है, क्योंकि वहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी नीतीश कुमार की सरकार और इसी गठबंधन का अहम हिस्से आंध्र प्रदेश को नजरअंदाज किया जा रहा है।
जनता को गुमराह करने का प्रयास: मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्रीय बजट की आलोचना की और कहा कि यह मोदी सरकार का जनता को गुमराह करने का प्रयास है, जबकि यह प्रमुख आर्थिक समस्याओं को दूर करने में विफल रही है। उन्होंने सरकार पर बीते दशक में 54.18 लाख करोड़ रुपये का एकत्र करने के बाद मध्यम वर्ग को मामूली राहत देने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा, वित्त मंत्री खुद दावा कर रही हैं कि 12 लाख रुपये तक की छूट से सालाना 80 हजार रुपये की बजत होगी, जो कि हर महीने केवल 6,666 रुपये है। इस बीच, पूरा देश महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहा है। लेकिन मोदी सरकार झूठी तारीफ पाने में व्यस्त है।
उन्होंने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें युवाओं, महिलाओं, किसानों और हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। खरगे ने कहा, मोदी जी ने महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम उठाने का वादा किया था। लेकिन कुछ नहीं हुआ। किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए कोई रोडमैप नहीं है। कृषि यंत्रों पर जीएसटी में कोई रियायत नहीं है और दलित, आदिवासी, पिछड़े, गरीब और अल्पसंख्यक बच्चों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा या छात्रवृत्ति की कोई योजना नहीं है।