नई दिल्ली। केंद्र ने 23 राज्यों में फैली 3,295 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाली 40 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। परियोजनाओं का मकसद कम प्रसिद्ध स्थलों को विकसित करना और देश भर में पर्यटकों के बैलेंस डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ावा देना है। अधिकारियों ने बताया कि व्यय विभाग के निर्देशों के अनुसार, पर्यटन मंत्रालय ने प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों के विकास के लिए पूंजी निवेश के उद्देश्य से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष सहायता (एसएएससीआई) के लिए परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए थे।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर, 2024 तक 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत के कुल 87 परियोजना प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके बाद पर्यटन मंत्रालय ने दिशा-निर्देशों और प्रक्रिया या मानदंडों के अनुरूप 23 राज्यों में 3295.76 करोड़ रुपये की लागत से 40 परियोजनाओं को चुना गया। इसके बाद इन परियोजनाओं को व्यय विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गई है। कुछ चुनी हुई जगहों में रंग घर, शिवसागर (असम), मत्स्यगंधा झील, सहरसा (बिहार), प्रपोज्ड टाउन स्क्वायर, पोरवोरिम (गोवा), और ओरछा (मध्य प्रदेश) शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा, इस पहल का उद्देश्य ज्यादा यातायात वाली जगहों पर दबाव को कम करना और देश भर में पर्यटकों के बैलेंस डिस्ट्रीब्यूशन को बढ़ावा देना है। कम जाने जाने वाली जगहों पर ध्यान केंद्रित कर मंत्रालय पर्यटन अनुभव को बढ़ाने, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने और नई परियोजना के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण के जरिए सेक्टर में सस्टेनेबल विकास सुनिश्चित करने की उम्मीद करता है। राज्यों को परियोजनाएं पूरी करने के लिए दो साल का समय दिया गया है। योजनाओं के लिए यह धनराशि मार्च 2026 से पहले जारी कर दी जाएगी।