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मुख्यमंत्री ध्यानाकर्षण यात्रा की किसान संघ ने की समीक्षा

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राजनांदगांव। मुख्यमंत्री ध्यानाकर्षण यात्रा की समीक्षा बैठक सोमवार 11 नवंबर को कृषि उपज मंडी में हुई। उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी न्याय योजना की बकाया चौथी किस्त, 117 रूपये समर्थन मूल्य वृद्धि का लाभ देते हुए 3217 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी एवं पूरे तीन महीने धान खरीदी तथा ग्रीष्मकालीन धान को हस्तोत्साहित नहीं करने संबंधी मांग की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करने 6 नवंबर बुधवार को बड़ी संख्या में राजनांदगांव से रायपुर जाने किसान कृषि उपज मंडी, राजनांदगांव पहुँचे थे, जहां प्रशासन रबी धान में प्रतिबंध और आर्थिक जुर्माना नहीं होने की बात बताई और यात्रा को अंजोरा तक ले जाने एवं प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर ज्ञापन देने का प्रस्ताव दिया, जिसे किसानों ने स्वीकारा, लेकिन प्रतिनिधि मंडल को कुम्हारी टोल में रोककर ज्ञापन देने कहा गया, जिसे प्रतिनिधि मंडल ने स्वीकार नहीं किया। प्रतिनिधि मंडल को आगे रायपुर भी नहीं जाने दिया गया।
समीक्षा के दौरान प्रशासन द्वारा प्रतिनिधि मंडल को धोखा देने के कृत्य को गैर जिम्मेदाराना, उकसाने वाला एवं निंदनीय बताया गया, वहीं मानपुर पुलिस द्वारा किसानों को यात्रा में शामिल होने से रोकने की कार्यवाही को दमनकारी एवं आलोकतांत्रिक ठहराया गया। जिला प्रशासन राजनांदगांव एवं मानपुर पुलिस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव बैठक में सर्व सम्मति से पारित किया गया।
समीक्षा बैठक में गांव-गांव में हस्ताक्षर अभियान चलाकर तैयार किए गए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन को उन तक भेजने पर चर्चा हुई। पूर्व में प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया था। मुख्यमंत्री से मिलने का समय भी मांगा गया था न मिलने का समय मिला न ही कोई सूचना मिला। मुख्यमंत्री निवास जाकर इन्हीं ज्ञापनों को देना चाहे तो पहले यात्रा को मना किया गया, फिर प्रतिनिधि मंडल के साथ धोखेबाजी कर रोका गया। ऐसे में प्रतिरोध दर्ज कराने एवं शीघ्र मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के उद्देश्य से डाक द्वारा ज्ञापन भेजने का फैसला लिया गया एवं बैठक के पश्चात सभी प्रधान डाकघर पोस्ट ऑफिस चौक पहुंचकर डाक द्वारा मुख्यमंत्री निवास सिविल लाईन के लिए ज्ञापन भेजे गए। किसान संघ ने लोकतंत्र में सत्ता की जनता से बढ़ती दूरी पर चिंता जाहिर किया है। राजशाही के युग में भी प्रजा घंटा बजाकर दरबार में फरियाद कर सकती थी। बड़े अफसोस की बात है कि लोकतंत्र में हमें अपने मुख्यमंत्री तक ज्ञापन पहुंचाने संघर्ष करना पड़ रहा है।
धान कटाई जोरो पर है 14 नवम्बर से खरीदी भी चालू हो जाएगी, लेकिन समर्थन मूल्य वृद्धि का लाभ भी बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया पर नजर रखते हुए प्रदेश में व्यापक आंदोलन के लिए तैयार रहने का संकल्प लिया गया है।
मानपुर के किसानों का मनोबल बढ़ाने एवं किसान आंदोलन में भागीदारी कराने संपर्क कर रणनीति बनाई जावेगी। साथ ही संभागवार जुझारू एवं प्रगतिशील किसानों की बैठक हेतु कार्य योजना शीघ्र ही कार्यकारिणी द्वारा तैयार की जावेगी।
प्रशासन एवं पुलिस की कारगुजारियों से लक्ष्य नहीं बदला जावेगा। हर हाल में समर्थन मूल्य वृद्धि का लाभ लेकर रहेगें। साथ ही बकाया चौथी किश्त एवं पूरे तीन महिने खरीदी की मांग जारी रहेगी।