राजनांदगांव। संस्कारधानी में एक ऐसा विभाग है, जो सालभर सुर्खियों में रहता है। विभाग में एक से बढ़कर एक कर्मचारी भिन्न कार्यालयों से लाकर डीईओ कार्यालय में पदस्थ किए गए है जो अपने पदीय कर्तव्यों को ताक पर रखकर बेखौफ काम करते है, उन्हें यह मालूम है कि उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो सकता है, क्योंकि उनके आंका बड़े-बड़े पदों पर बैठे हैए जो उन्हे बचाते आ रहे है। इस बार तो सभी हदों को पार करते हुए आकस्मिक अवकाश का ऑनलाईन आवेदन कर 10 डीईओ के कर्मचारी बिना शासन से अनुमति लिए विदेश रवाना हो गए।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने सोमवार को नवपदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल को नामजद लिखित शिकायत कर यह बताया है कि, आकस्मिक अवकाश लेकर डीईओ कार्यालय में पदस्थ 10 कर्मचारीगण बिना शासन से अनुमति लिए विदेश घुम रहे है, जो गंभीर प्रवृत्ति का अपराध है, क्योंकि वे सभी शासकीय कर्मचारी है, और आकस्मिक अवकाश लेकर बिना शासन से अनुमति लिए नेपाल घुम रहे है, वैसे भी एक समय पर इतने लोगों को कैसे आकस्मिक अवकाश दिया गया, यह भी जांच का विषय है, क्योंकि पूरा विभाग लगभग खाली हो चुका है और पूरा विभागिय कामकाज ठप पड़ गया है। इन सभी कर्मचारियों को तत्काल निलंबन करने की मांग की गई है।
शासकीय कर्मचारी को विदेश यात्रा करने के लिए अपने विभाग प्रमुख यानि सचिव स्तर के अधिकारी से तीन माह पूर्व लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होता है।
अचानक कोई परिस्थिति उत्पन्न होने पर शासकीय कर्मचारी आधे दिन या दो चार दिन के लिए आकस्मिक अवकाश ले सकता है, लेकिन इस दौरान उसे अपने मुख्यालय में ही रखना अनिवार्य है, यदि मुख्यालय छोड़ना पड़ रहा है तो इसकी लिखित अनुमति कार्यालय प्रमुख से लेना अनिवार्य है।