Home छत्तीसगढ़ जिले के उत्कृष्ट शिक्षकों का कलेक्टर ने किया सम्मान

जिले के उत्कृष्ट शिक्षकों का कलेक्टर ने किया सम्मान

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राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण – कलेक्टर

मनुष्य की श्रेष्ठता जन्म से नहीं बल्कि अभ्यास से आती हैं – कलेक्टर

बेमेतरा. .
जिला शिक्षा अधिकारी बेमेतरा के तत्वावधान में मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण के अंतर्गत नगर के निजी स्कूल में शिक्षक सम्मान समारोह 2024 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिले के कलेक्टर रणबीर शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, विशिष्ट अतिथि के रूप में संयुक्त कलेक्टर अंकिता गर्ग, जिले के शिक्षा संस्थान डाइट बेमेतरा के प्राचार्य जे के घृतलहरे और जिला शिक्षा अधिकारी डॉ कमल कपूर बंजारे उपस्थित थे।
जिला स्तर पर आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में वर्ष 2023 और वर्ष 2024 में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया। जिसमें ज्ञानदीप पुरस्कार के रूप में दोनों वर्ष के तीन-तीन शिक्षकों का चयन किया गया है। जिसके अंतर्गत शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र के अलावा रू. 7000 की राशि प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त शिक्षा दूत के रूप में दोनों वर्ष 12-12 शिक्षकों का चयन किया गया है। जिन्हें बहुत सुंदर प्रशस्ति पत्र के अलावा प्रत्येक को रू.5000 की राशि प्रदान की गई। इसके अलावा जिले में संकुल समन्वयकों के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक विकासखंड के एक-एक संकुल समन्वयक को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। जिनमें बेमेतरा विकासखंड से बटार के संकुल समन्वयक सोनलाल चंद्राकर बेरला विकासखंड से देवरी के संकुल समन्वयक ओम प्रकाश साहू, नवागढ़ विकासखंड से गाड़ामोर के संकुल समन्वयक भागीरथी वर्मा और साजा विकासखंड के डंगनिया के संकुल समन्वयक राजू पटेल शामिल है। इसके अलावा जिले में क्रीड़ा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले और बच्चों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेलकूद में आगे बढ़ाने वाले व्यायाम निर्देशकों को भी पुरस्कृत किया गया। इनमें कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दाढ़ी की सुनीता साहू, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुसमी के भूपेंद्र वैष्णव, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोढ़ीकला के देवेंद्र देवांगन तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चेचानमेटा के नोकेश्वर वर्मा शामिल है। इसके अलावा जिले के शासकीय विद्यालयों में कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा में शत प्रतिशत रिजल्ट लाने के लिए तीन हाईस्कूल के प्राचार्य को भी सम्मानित किया गया। जिनमें नंदे राम बांधेकर प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल अर्जुनी, श्याम कुमार तिवारी प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल मलदा और विशाल सिंह धुर्वे प्राचार्य शासकीय हाई स्कूल घिवरी शामिल है। इसी तरह जिले के शासकीय विद्यालयों में कक्षा 12वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट परिणाम लाने वाले हायर सेकेंडरी के तीन प्राचार्य को भी सम्मानित किया गया। जिनमें बारहवीं की परीक्षा में 100 प्रतिशत परिणाम देने वाले शासकीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय सिंघौरी के प्राचार्य बांके बिहारी गुप्ता, शासकीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय शिवलाल राठी बेमेतरा की प्राचार्य सुदेशा चटर्जी और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवागांव कला के प्राचार्य अश्वनी कुमार गायकवाड़ को भी प्रशस्ति पत्र देकर कलेक्टर ने सम्मानित किया।
शिक्षकों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि आप सभी को श्रेष्ठ शिक्षक बनना है पर यह श्रेष्ठता आती कैसे हैं कुछ लोग कहते हैं कि श्रेष्ठता जन्म से आती है कुछ लोगों का कहना है कि श्रेष्ठता ट्रेनिंग से आती है मगर सच तो यह है कि श्रेष्ठता अभ्यास करने से आती है। इस संबंध में कलेक्टर ने एक बहुत बढ़िया कहानी भी सुनाया। एक गांव में एक श्रेष्ठ धनुर्धर रहता था। वह गांव में जाते और अपने धनुष में बाण चढ़ाते और निशान लगाते। उनका निशाना कभी भी नहीं चूकता था। सही निशाने पर ही लगता था। सब उसकी तारीफ करते, खूब ताली बजाते, सब उसकी प्रशंसा करने लगते। लेकिन उन्हीं के बीच में एक ऐसा व्यक्ति भी था। जो तेल का व्यापार करता था। उनसे पूछा गया कि भाई सब ताली बजा रहे हैं आपने क्यों ताली नहीं बजाया। आपने क्यों प्रशंसा नहीं किया। उनको बहुत गुस्सा आया तो उस आदमी ने जवाब दिया यह सब तो अभ्यास का खेल है। फिर वह गांव के दूसरे कोने में गया। वहां पर भी उन्होंने धनुष में तीर लगाया और छोड़ा। यहां पर भी उसका निशाना सटीक रहा। लोगों ने खूब प्रशंसा की। तालियां बजाई लेकिन फिर उस आदमी ने कहा यह तो अभ्यास का खेल है। तो धनुर्धर ने कहा यह सब अभ्यास का नहीं, यह मेरी कला है मेरी योग्यता है। फिर वह धनुर्धर दूसरे गांव गया। दूसरे गांव में भी उन्होंने अपनी धनुर्विद्या का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा या तो आप इसे साबित करो या फिर आपको मैं जान से मार डालूंगा। उन्होंने कहा ठीक है अभी मैं इसे साबित कर रहा हूं उन्होंने अपने पास से कुछ बोतल निकाल कर नीचे रखे और कावड़ में रखें हुए तेल के डिब्बे को उन्होंने अपने कंधे में रखा और नीचे रखें हुए बोतल में तेल को डालने लगा। कुछ ही सेकंड में सारे बोतल भर गए। लेकिन तेल की एक बूंद भी जमीन पर गिरने नहीं दिया। अब उन्होंने धनुर्धर से कहा कि इसी कार्य को अब आप करके दिखाइए। धनुर्धर से कुछ बोलते नहीं बना, बेचारा हार मान ली। जीवन में जो कुछ भी हम कार्य करते हैं, वह सब अभ्यास का ही खेल है। हमारे अंदर कुछ भी नहीं है। अगर हम जीवन में अभ्यास करते हैं तो हम उनमें सफल होते हैं और श्रेष्ठ बन जाते हैं मेरा कहने का भाव यही है कि श्रेष्ठता हम अभ्यास से ही प्राप्त कर सकते हैं। जितने लोग यहां पर बैठे हुए हैं हम सब बराबर हैं किसी के पास कोई विशेष योग्यता नहीं है। सब अभ्यास का ही खेल है परिश्रम है मेहनत है लगन है। मेरा आप सबसे यही आग्रह है कि आप सभी शिक्षक हैं और राष्ट्र के निर्माण में शिक्षकों की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है बच्चा कच्ची मिट्टी के समान होता है उसे हम सब लोग सांचे में ढालते हैं। तो आप सब शिक्षकों का यह दायित्व है कि आप अपने जिम्मेदारियां का निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ करें और आने वाले वर्षों में परीक्षा परिणाम को बेहतर से बेहतर करने का प्रयास करें। अंत में सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनकी उज्जवल एवं यशस्वी जीवन की कामना व्यक्त की।
शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने कहा कि जिस प्रकार कुम्हार कच्चे मिट्टी को एक सुंदर मूर्ति का रूप देते है उसी प्रकार आप बच्चे को गढ़ते है एक आकार देते है तब कहीं जाकर वह एक अच्छा इंसान बनता है। इसीलिए शिक्षक एक अच्छा मूर्तिकार है, आपकी बनाई हुई अच्छी मूर्ति हर जगह प्रशंसा प्राप्त करती है। अच्छी मूर्ति की सभी तारीफ करते हैं कि कितना सुंदर बनाया है। कार्यक्रम का संचालन सेजेस के व्याख्याता सुनील झा ने किया तथा आभार प्रदर्शन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डाइट बेमेतरा के प्राचार्य जे के घृतलहरे ने किया। इस अवसर पर सहायक संचालक एस पी कोशले सहित बहुत अधिक संख्या में शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित थे।