राजनांदगांव। आजादी के समय स्टेट हाई स्कूल में अंग्रेजों का यूनियन जैक उतार कर तिरंगा फहराने वाले क्रांतिकारी कवि कुंजबिहारी चौबे, कवि साहित्यकार एवं ज्योतिषाचार्य पंडित सरोज द्विवेदी, लोकप्रिय महापौर श्रीमती शोभा सोनी व साहित्यकार गौरी शंकर शर्मा की स्मृति पौधरोपण कर हरेली पर्व पर आधारित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व केबिनेट मंत्री धनेशपाटिला ने कहा कि पेड़ हमें फल, फूल, छाया व शुद्ध प्राण वायु प्रदान करते हैं। इनकी सुरक्षा करनी हम सबकी जिम्मेदारी है और पौध रोपण कर इसे बढ़ावा देना चाहिए जिससे चहुंओर हरियाली बनी रहे। उन्होंने कहा कि श्रावण मास में चारों ओर बिखरी हरियाली को देख कर मानव मन हर्षित व उल्लासित हो उठता है और वह प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने,, आभार जताने हरियाली का पर्व मनाया है उन्होंने हरेली त्योहार की सबकों बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
हरियाली पर्व पर छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति द्वारा नगर निगम के महंत बलराम दास टाउन हॉल में आयोजित उक्त साहित्यिक संगोष्ठी और पौधरोपण आयोजन के दौरान उपरोक्त मूर्धन्यों की स्मृति में नीम अमरूद आंवला व गूड़हल के पौधे रोपे गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व केबिनेट मंत्री घनेश पाटिला जी थे। विशेष अतिथि के रुप में अ० भा० वैश्य समाज के राजेश गुप्ता अग्रहरि व युवा नेता कमल सोनी जी की उपस्थिति बनी रही। छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के अध्यक्ष व छ० ग० राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक आत्माराम कोशा “अमात्य”, दिग्विजय कालेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ शंकर मुनि राय “गड़बड़”, कमला कालेज के प्रो०ओंकार लाल श्रीवास्तव, चिंतक कृष्ण कुमार द्विवेदी , गिरीश सिंह परिहार ,वरिष्ठ साहित्यकार कुबेर साहू,व्यंग्यकार गिरीश ठक्कर “स्वर्गीय”,डॉ चंद्रशेखर शर्मा,आदि की उपस्थिति में किए गए पौधरोपण के दौरान भाव- विह्वल हुए कमल सोनी ने कहा कि महापौर श्रीमती शोभा सोनी उनकी बहन ही नहीं गुरु भी थी।साहित्यकार जीएस शर्मा की स्मृति में पौधरोपण करते समय उनके सुपुत्र डॉ चंद्रशेखर शर्मा सहित उनक नातियों ने हाथ लगाया। कार्यक्रम की शुरुआत नगर निगम परिसर में स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी की आदमकद प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन व आरती-वंदन सहित नीम पत्ती से बने माल्य पहनाकर किया गया। हरेली पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष दाऊ सुरेंद्र वैष्णव ने महंत राजा बलराम दास टाउनहाल में आयोजित इस कार्यक्रम में बेहद आत्मीयता का अनुभव करते हुए कहा कि कवि/ साहित्यकारों के साथ बैठने से उन्हें उर्जा मिलती है,अन्याय व अहंकार से लडने की ताकत मिलती है। इस अवसर पर दिग्विजय कालेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ श्री राय सहित प्रो० ओंकार लाल श्रीवास्तव व श्री द्विवेदी ने हरेली पर्व पर सारगर्भित उद्बोधन दिए। कवि साहित्यकार एवं लोक संगीत धर्मी आत्माराम कोशा अमात्य ने हरेली पर्व के गुड़ रहस्यो को समझाते हुए इसे प्रकारांतर से शनि जयंती पर्व बताया तथा कहा कि इस दिन किसान कृषि कार्यों में उपयोगित लौह धातु वाले कृषि उपकरणों की पूजा करता है। जिसमें शनि देवता का वास माना जाता है। साथ ही बताया कि श्रावण मास की अमावस्या तिथि को शनि देव की जयंती मनाई जाती है। वरिष्ठ साहित्यकार कुबैर साहु ने हरेली पर्व कै दौरान खेले जाने वाले खेल का जिक्र किया और “सूर” (नून) खेल को शौर्यता का प्रतीक खेल बताया। इस दौरान कवि ओमप्रकाश साहू “अंकुर” व पवन यादव “पहुंना” ने हरेली पर आधार व्यक्तव्य प्रस्तुत किए, वहीं हास्य-व्यंग्य के कवि विरेंद्र तिवारी “वीरु” ने सावन आगे नामक व्यंग रचना तथा गिरीश ठक्कर ने अन्य व्यंग्य कविता पढ़कर सबको लोट- पोट किया। इस दौरान साहित्य समिति के सचिव मान सिंह “जलज” ने हरेली पर कविता सुनाकर वाह वाही पाई वहीं कवि एवं फिल्म निर्माता अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा , कवि रोशन साहु “मोखला”, बलराम सिन्हा “रब”, नावेश चंद्र आदि ने हरेली पर आधारित रचनाएं सुनाकर लोगों का मन मोहा। कार्यक्रम का संचालन क्रमशः पवन यादव पहुंना, रोशन साहू व कवि मानसिंह”जलज” ने किया।अंत में आभार प्रदर्शन समिति के उपाध्यक्ष गिरीश ठक्कर “स्वर्गीय” द्वारा किया गया।