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डेंगू एवं मलेरिया उन्मूलन के लिए अंतर विभागीय वेक्टर नियंत्रण प्रशिक्षण का आयोजन

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राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल की उपस्थिति में आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में डेंगू एवं मलेरिया उन्मूलन के लिए अंतर विभागीय वेक्टर नियंत्रण प्रशिक्षण आयोजित किया गया। कलेक्टर ने डेंगू से बचने के लिए इसके उपायों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने अंतर विभागीय समन्वय से कार्यालय, निवास एवं आस पास के क्षेत्रों में साफ-सफाई रखने तथा पानी जमा नहीं होने दें एवं नगर निगम को शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से अलग होता है और यह दिन की रोशनी में काटता है। ऐसे में घर और आसपास मच्छरों को पनपने नहीं दें। कूलर में पानी जमा होने से उसमें डेंगू का लार्वा पनपने का खतरा रहता है। कूलर का उपयोग नहीं होने पर उसका पानी खाली कर दें एवं जो कूलर चालू है, उसे प्रति सप्ताह खाली कर साफ कर पानी भरें। घर की छत पर रखे गमलों या अन्य चीजों में पानी जमा हो तो उसे तुरंत खाली करना चाहिए, क्योंकि इसमें डेंगू लार्वा पैदा हो सकते हैं। घरों के आसपास या गड्ढों में पानी जमा नहीं होने दें एवं जमा पानी के गड्डे में जला हुआ तेल डाल दें, जिससे ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मच्छर का लार्वा नष्ट हो जाता है, मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के दरवाजो में जाली लगवाएं, पैरों में मोजे पहने एवं दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
राज्य सलाहकार सुश्री स्निग्धा पटनायक ने बताया कि डेंगू मच्छर जनित एक वायरल बीमारी है। जिसमें सिर में दर्द, तेज बुखार, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द जैसी परेशानियां होती हैं और त्वचा पर चकत्ते भी निकल आते हैं। डेंगू फीमेल एडीज मच्छर के काटने से होता है। डेंगू और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं, लेकिन मामूली सावधानी अपनाने से मच्छर के काटने से बचा सकता है। भारत में विशेषकर यह बारिश के दिनों में होने वाला सामान्य रोग है। डेंगू का लार्वा सामान्यतः जमे हुए साफ पानी में पनपता है और इसे पनपने के लिए जुलाई से लेकर अक्टूबर का समय काफी अनुकूल होता है। यही वजह है कि इस समयावधि में सतर्क रहना जरूरी होता है। डेंगू से बचाव के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने बताया एडीज एजिप्टीएक ऐसा मच्छर है, जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, जीका बुखार, मायरो बुखार के वायरस और अन्य रोग एजेंटों को फैला सकता है। विशेषकर बारिश के मौसम की शुरूआत के साथ ही मच्छरों के प्रजनन और परिणामस्वरूप महामारी में वृद्धि होती है। एडीज एजिप्टी मच्छर सबसे ज्यादा सुबह और शाम को और छायादार क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह पूरे साल या अनुकूल स्थिति में किसी भी समय संक्रमण फैला सकते हैं। इससे बचाव हेतु सभी को आवश्यक उपाय अपनाना चाहिए। डेंगू रोग के विषय में जनजागरूकता के लिए जिले में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें डेंगू से बचाव से संबंधित नारा लेखन, मितानिन यात्रा व कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें लोगों को डेंगू होने के कारण, इसके लक्षण तथा इससे बचाव से संबंधित आवश्यक उपायों की जानकारी दी गई। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. भूमिका वर्मा ने बताया डेंगू पर नियंत्रण के लिए जिले के 4 विकासखंडों छुरिया, डोंगरगढ़, घुमका, डोगरगांव में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा का लक्ष्य लेकर लगातार विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सोर्स रिडक्शन गतिविधियां की जा रही हैं, जिसमें मितानिन की विशेष भूमिका है। इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी आयुष जैन, जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह, अपर कलेक्टर सीएल मारकण्डेय, अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा नवीन प्रताप सिंह तोमर, नगर निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता, संयुक्त कलेक्टर खेमलाल वर्मा, एसडीएम राजनांदगांव अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम डोंगरगांव मनोज मरकाम, एसडीएम डोंगरगढ़ उमेश पटेल सहित डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि डॉ. राजेंद्र सिंह, जिला शहरी कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री पूजा मेश्राम, जिला सलाहकार श्रीमती संगीता पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।