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संसद में राहुल बोले नीट पर चर्चा करवाएं प्रधानमंत्री, दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा, लोकसभा एक जुलाई तक स्थगित

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नई दिल्ली।  नीट पेपर लीक सहित देश में लगातार परीक्षाओं के पेपर लीक होने को लेकर आज शुक्रवार 28 जून को संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए की ओर से इस मुद्दे को बेहद जोर देकर सदन में उठाया गया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने नीट पेपर लीक का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि छात्र देश का भविष्य हैं। सदन से युवाओं को सही संदेश जाना चाहिए। वहीं कांग्रेस के मणिकम टैगोर सहित कई सांसदों ने नीट विवाद पर स्थगन प्रस्ताव दिया है, हालाँकि सदन में राहुल गाँधी की मांग पर अभी अध्‍यक्ष की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है। कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद विपक्ष ने हंगामे के साथ-साथ नारेबाजी भी शुरू कर दी। जिसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने सदन को 1 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया। राज्यसभा की कार्यवाही जारी है, जहां सुधांशु त्रिवेदी बोले। इस बीच विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने नीट मुद्दे पर बोलने का समय मांगा है। सुधांशु त्रिवेदी के वक्तव्य के बीच विपक्ष ने वी वॉन्ट जस्टिस के नारे लगाना शुरू कर दिया है।

लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू हो गई है। हालांकि लोकसभा में एक बार फिर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया है। संसद में 22 सांसदों ने नीट पर चर्चा को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। संसद की कार्यवाही से पहले राहुल गांधी ने कहा कि पहले पेपर लीक पर चर्चा हो। प्रधानमंत्री मोदी को चर्चा में भाग लेना चाहिए। राहुल ने कहा, “कल सभी विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई और उसमें सर्वसम्मति बनी कि आज हमें नीट के विषय पर चर्चा चाहिए। हमें लगा कि यहां सदन में नीट पर चर्चा होनी चाहिए। मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूं कि ये युवाओं का विषय है और इस पर सही तरीके से चर्चा होनी चाहिए और ये सम्मानजनक चर्चा होनी चाहिए। संसद से ये संदेश जाना चाहिए कि भारत सरकार और विपक्ष मिलकर छात्रों की बात कर रहा है।” आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के ठीक 10 मिनट बाद ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्ष ने नीट पर चर्चा की जौरदार मांग की, लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के बीच में कभी स्थगन प्रस्ताव नहीं लिया जाता है। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन में हंगामा को बढ़ता देख सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया था।