राजनांदगांव। सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की आड़ में हिन्दी माध्यम स्कूलों को बंद कर दिया गया, अब यह मामला तूल पकड़ने लगा है। राज्य शासन ने स्पष्ट आदेश दिया था कि जहां-जहां अंग्रेजी माध्यम स्कूल आरंभ किया जा रहा है, वहां पूर्व से संचालित हिन्दी माध्यम स्कूलों को किसी भी परिस्थिति में बंद नहीं किया जाएगा और अब माननीय उच्च न्यायालय ने भी हिन्दी माध्यम स्कूलों को आरंभ करने का आदेश दे दिया है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल द्वारा इस मामले को लेकर बीते दो वर्षो से लगातार मांग किया जा रहा है कि गंजपारा अंग्रेजी माध्यम स्कूल और म्युनिसिपल स्कूल में प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूल आरंभ किया जाए, क्योंकि इन दोनों स्थानों में जब अंग्रेजी माध्यम स्कूल आरंभ किया गया तो यहां पूर्व में संचालित हिन्दी माध्यम स्कूल को बंद कर दिया गया।
श्री पॉल का कहना है कि आदेशों की अवहेलना कर तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने की नियत से सरकारी हिन्दी माध्यम स्कूलों को एक षड्यंत्र के तहत बंद किया गया है।
श्री पॉल ने बताया कि वर्तमान में पदस्थ प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल को इन दोनों स्थानों में प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूल आरंभ करने की मांग की गई थी, लेकिन उन्होंने भी कोई रूचि नहीं दिखाया, इसलिए अब अंतिम बार कलेक्टर से इन दोनों स्थानों में प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूल आरंभ करने निवेदन किया गया, क्योंकि शाला प्रवेश 18 जून को मनाया जाना है। अन्यथा हम जुलाई माह में न्यायालय में अवमानना याचिका दायर करेंगे, क्योंकि न्यायालय के आदेश का जानबूझकर उल्लंघन न्यायालय के आदेश की अवज्ञा के समान है।