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क्योंकि अपने हाथों में अपनेपन का जादू होता है….. न्योता भोज

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रायपुर : श्रीमती कौशल्या साय ने बच्चों से पढ़ाई लिखाई और बच्चों की छोटी-छोटी शरारतों के बारे में ढेर सारी बातें की। उन्होंने स्कूल के शिक्षकों से भी बच्चों की पढ़ाई लिखाई के बारे में चर्चा की।

श्रीमती कौशल्या साय ने चर्चा में बताया कि उन्हें साय जी ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण अभियान संचालित कर रहे हैं। यह बहुत सुंदर अभियान है। इसके तहत प्रधानमंत्री जी ने सबसे आग्रह किया है कि अपना जन्मदिन और जीवन के खास अवसरों को स्कूली बच्चों के साथ मनाएं। वे बच्चों को भोजन कराएं और स्वयं बच्चों के साथ भोजन करें।
जब साय जी यह बता रहे थे, उसी समय मैंने निश्चय किया था कि मैं अपना जन्मदिन स्कूली बच्चों के साथ मनाऊंगी। जिस तरह से मैं हर साल अपने बच्चों के जन्मदिन पर खीर बनती हूं। उसी तरह से इस बार भी मैं अपने हाथों से खीर तैयार करूंगी और स्कूली बच्चों को खिलाऊंगी। आज बच्चों ने बहुत रुचि से खीर खाई। यह मेरा सौभाग्य है कि उन्हें मेरे हाथों की बनाई हुई खीर पसंद आई है। आज मेरा जन्मदिन सफल हुआ।
उन्होंने कहा कि न्योता भोज बहुत सुंदर आयोजन है। इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इससे छोटे छोटे प्यारे से बच्चों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है। बच्चे बहुत रुचि से पकवान खाते हैं। उन्हें बहुत रुचि से खाना खाते देखकर बहुत अच्छा लगता है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के पश्चात छत्तीसगढ़ में लगातार जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं गणमान्य नागरिक न्योता भोज कर रहे हैं। आज श्रीमती कौशल्या साय का जन्मदिन है और उन्होंने भी इसे न्योता भोज के रूप में मनाया।

शुभ मौके पर खीर खिलाने की परंपरा वेदों से जुड़ी

भारतीय और छत्तीसगढ़ की परंपरा में जन्मदिन के अवसर पर खीर बनाई जाती है। लोग जन्मदिन में खीर खिलाकर मुंह मीठा कराते हैं। यह हमारी सनातन परंपरा है। जब भी कोई शुभ मौका होता है तो मुंह मीठा कराया जाता है। वैदिक काल से ही इस परंपरा की शुरुआत हुई। वेदों में खीर को क्षीरपाकमोदनम भी कहा गया है। खीर का इतना महत्व है कि अनुश्रुति है कि माता गंगा धरती पर सप्तऋषियों के आशीर्वाद युक्त मंगल खीर लेकर उतरी हैं।