रायपुर । छत्तीसगढ़ में पीएससी घोटाले की जांच CBI से कराने की चर्चा शुरू हो चुकी है। CGPSC भर्ती में उपजे विवादों के बाद भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में इसकी विस्तृत जांच का उल्लेख किया था। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार के गठन के बाद पहली केबिनेट की बैठक में ही यह प्रस्ताव लाया जा सकता है। पीएससी की भर्ती में भाई-भतीजेवाद के साथ ही कांग्रेस के नजदीकी लोगों के चयन पर कई सवाल उठाएं गए थे। हाइकोर्ट ने वर्तमान में 13 अलग-अलग प्रकरणों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। इस मामले पर पूर्व भाजपा मंत्री व वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ता के तथ्यों की जांच होनी चाहिए : हाइकोर्ट
पूर्व भाजपा मंत्री व वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने कहा है कि अधिकारी और नेताओं के बेटे-बेटियों सहित रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पद दिए गए। भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। पीएससी अध्यक्ष से लेकर कई नेताओं की भूमिका संदिग्ध हैं। हाइकोर्ट ने इस मामले में पीएससी को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता के तथ्यों की जांच होनी चाहिए।