Home राजनीति सरकार ने आनन-फानन में बुलाई सर्वदलीय बैठक, 32 नेता हुए शा‎मिल

सरकार ने आनन-फानन में बुलाई सर्वदलीय बैठक, 32 नेता हुए शा‎मिल

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मुंबई । आरक्षण के ‎मुद्दे पर आंदोलनका‎रियों को मनाने के ‎लिए महाराष्ट्र में सरकार ने आनन-फानन में सर्वदलीय बैठक आहूत की है। ‎मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में कुल 32 नेता शा‎मिल हुए हैं। इस बीच महाराष्ट्र के सीएम ने आंदोलनका‎रियों से आम राय बनाने के ‎लिए समय देने की भी अपील की है। यही वजह है ‎कि बढ़ते जनाक्रोश के बीच सीएम एकनाथ शिंदे ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। जहां एक तरफ मराठा आरक्षण के मुद्दे पर आमरण अनशन हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ विधायक विशेष विधानसभा सत्र की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस समय महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार सांसत में है। मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लगातार प्रयास हो रहे है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता जरांगे आमरण अनशन शुरू कर चुके हैं, तो दूसरी तरफ आरक्षण की मांग के साथ विधायक महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ ‎शिंदे ने आंदोलनकारियों से अपील की है कि सरकार को समय देने के साथ सार सराकर के प्रयासों पर भी भरोसा रखें।
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जनाक्रोश को गंभीरता से लेते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वयोवृद्ध नेता शरद पवार और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत कई कद्दावर मराठा नेता शामिल हुए। मराठा आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा ‎कि मैं मनोज जारांगे पाटिल से अनुरोध करता हूं कि वे सरकार के प्रयासों पर भरोसा रखें, यह विरोध एक नई दिशा लेने लगा है, आम लोगों को असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए। मैं सभी से शांति बनाए रखने और राज्य सरकार के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं।
सीएम शिंदे ने किसी भी कीमत पर तत्काल आरक्षण के प्रावधान और सरकारी आदेश जारी करने की मांग के बीच कहा ‎कि इसके लिए समय दिया जाना चाहिए, सभी नेताओं ने यह निर्णय लिया। धरना और अनशन को लेकर जो भी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो रही हैं, उनको लेकर सभी ने नाराजगी जताई है, तीन सेवानिवृत्त जजों की एक कमेटी बनाई गई है, पिछड़ा वर्ग आयोग युद्धस्तर पर काम कर रहा है। मराठा समाज को न्याय दिलाने के लिए जल्द ही फैसले लिए जाएंगे, सरकार को समय देने की जरूरत है।