कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को मांड्या जिले के कृष्णा राजा सागर बांध से पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है। अगले 15 दिनों तक कृष्णा राजा सागर बांध से पानी छोड़ा जाएगा। कर्नाटक ने सोमवार रात से ही बांध से पानी छोड़ने की शुरुआत कर दी है। कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण ने आदेश दिया था कि 13 सितंबर से अगले 15 दिनों के लिए 5000 क्यूसेक की आपूर्ति जारी रखने के लिए कहा गया था।
कावेरी बेसिन में सूखा बढ़ रहा है: कर्नाटक सरकार
यह कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के उस आदेश के बाद आया है जिसमें कर्नाटक को 13 सितंबर से अगले 15 दिनों के लिए 5000 क्यूसेक की आपूर्ति जारी रखने के लिए कहा गया था। सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में हुई सीडब्ल्यूएमए की बैठक में यह फैसला लिया गया।
बैठक के बाद अधिकारी ने बताया कि कर्नाटक में कावेरी बेसिन में सूखे की गंभीरता के मद्देनजर ये कहा कि वह तब तक पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है, जब तक कि जलाशयों के प्रवाह में सुधार नहीं होता है। कर्नाटक सरकार की ओर से ये भी चिंता जताई गई कि कावेरी बेसिन में सूखा बढ़ रहा है, जो पीने के पानी की जरूरतों और सिंचाई की न्यूनतम जरूरतों को भी जोखिम में डाल रहा है।
तमिलनाडु ने 12,500 क्यूसेक पानी छोड़ने की मांग की
तमिलनाडु ने अगले 15 दिनों के लिए कुल 12,500 क्यूसेक पानी (जिसमें 6,500 क्यूसेक का बैकलॉग शामिल है) छोड़ने का आग्रह किया था। अंत में सीडब्ल्यूएमए ने सीडब्ल्यूआरसी की सिफारिशों को विधिवत बरकरार रखते हुए आदेश दिया है कि कर्नाटक को 5000 क्यूसेक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। बता दें कि सीडब्ल्यूएमए की अगली बैठक 26 सितंबर को होगी।
गौरतलब है कि कर्नाटक के मांड्या में किसान तमिलनाडु के लिए कावेरी का पानी छोड़े जाने का विरोध कर रहे हैं और राज्य सरकार द्वारा तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का पानी छोड़ने के कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) के निर्देशों का अनुपालन करने पर गहरा असंतोष भी व्यक्त कर रहे हैं।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से मिलेंगे कर्नाटक के राज्य मंत्री
कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु सरकारों के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है। मंगलवार को राज्य के जल संसाधन मंत्री दुरई मुरुगन के नेतृत्व में तमिलनाडु के सांसदों और विधायकों के प्रतिनिधिमंडल के गतिरोध को तोड़ने के प्रयास में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र शेखावत से मिलने की उम्मीद है।