नई दिल्ली । जी -20 शिखर सम्मेलन की हवाई सुरक्षा को लेकर भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयार है। आसमान से होने वाली किसी भी साजिश से निपटने के लिये वायुसेना ने ऑपरेशन डायरेक्शन सेंटर (ओडीसी) बनाया है, जो दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट में बने ज्वाइंट कंट्रोल एंड एनालिसिस सेंटर के साथ संपर्क में रहेगा। किसी भी खतरे की स्थिति में ओडीसी यह तय करेगा कि कौन सा बेहतर तरीका या हथियार होगा जिसके जरिये उससे निपटा जा सके। समिट के दौरान दिल्ली के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा वायुसेना के विमान करेंगे। विमानों के साथ एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात कर दिया गया है। खतरे को देखते हुए जमीन से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। हवा से दिल्ली की पहरेदारी के लिए देश में बने सर्विलांस और मॉनिटरिंग एयरकाफ्ट नेत्रा के साथ एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम यानि अवाक्स भी आसमान में रहेगा। आसमान से ही वह हर हरकत पर नजर रखेगा।
ऐसी भी जानकारी है कि जैसे दुनिया के बड़े नेताओं के विमान भारतीय वायुक्षेत्र में उड़ान भरेंगे तो उनके हवाई मार्ग और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए वायुसेना के लड़ाकू विमान भी फ्लाई कर सकते हैं। इसके लिये राफेल, मिराज 2000 और सुखोई 30 को 24 घंटे तैयार रखा गया है। जी-20 समिट के दौरान दिल्ली-एनसीआर में किसी तरह के यूएवी, पैरा ग्लाइडर, गर्म हवा के गुब्बारे और माइक्रोलाइट विमान को उड़ाने की इजाजत नही होगी। वायुसेना के साथ जुड़ी सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह का रिस्क नही लेना चाहती है, क्योंकि ड्रोन या आसमान में उड़ने वाली कोई भी चीज समिट में खलल डाल सकती है। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसी किसी भी उड़ान पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है और जो ऐसा करता पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।बता दें कि दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 9 और 10 सितंबर को होना है।