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अमरनाथ यात्रा के लिए आज दुर्ग स्टेशन से शिवभक्‍तों का पहला जत्‍था रवाना

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2 जुलाई को करेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन,
स्टेशन पर जय बाबा बर्फानी के जयकारे गूंज उठे।

दुर्ग: छत्‍तीसगढ़ की धार्मिक नगरी दुर्ग रेलवे स्टेशन से बाबा अमरनाथ धाम के लिए आज शिवभक्त रवाना हुए। स्टेशन पर शिव भक्‍तों ने जय बाबा बर्फानी के जयकारे के साथ यात्रा की शुरुआत की। पहले जत्‍थे में अलग-अलग ग्रुप में 10 से 15 लोग शामिल हैं।
श्रद्धालुओं ने बताया कि वे परिवार, समाज देश प्रदेश की समृद्धि की प्रार्थना भोलेनाथ से करेंगे।
श्री अमरनाथ की यात्रा 1 जुलाई से शुरू होने वाली है। 42 दिनों तक चलने वाली श्री अमरनाथ यात्रा के लिए छत्तीसगढ़ से पहला जत्था आज रवाना हो गया। 1 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाली इस पवित्र यात्रा के लिए दुर्ग से भी पहला जत्था 27 जून को जम्मूतवी एक्सप्रेस से प्रस्थान किया।
अमरनाथ यात्रा में जाने वाले समाज सेवी योगेन्द्र शर्मा बंटी ने बताया कि इस साल दुर्ग भिलाई एवं आस पास के गांव से 50 से अधिक यात्री बाबा बर्फानी के दर्शन करने जा रहे हैं। दुर्ग के साथ साथ रायपुर राजधानी के अलावा जगदलपुर, धमतरी, कांकेर, बालोद, राजनांदगांव, दुर्ग, महासमुंद, बिलासपुर, कोरबा आदि शहरों से भी भारी मात्र में यात्री जा रहे है।
8 बार अमरनाथ जा चुके पंकज यादव ने बताया कि आज दुर्ग से रवाना होने के पश्चात कल दिनाँक 27 को रात्रि में जम्मू स्टेशन पहुँचने के बाद 28 को माता वैष्णव देवी जी का दर्शन एवं दिनाँक 2 जुलाई को पवित्र गुफा में बालटाल के रास्ते से जाकर बाबा बर्फानी अमरनाथ का दर्शन करेंगे, समुद्र तल से 13600 फीट ऊंचाई पर बाबा बर्फानी जी की गुफा है
11 बार बाबा अमरनाथ की यात्रा कर चुके भिलाई के जय प्रकाश भोले, एवं पापा राव, बताते हैं कि अमरनाथ की गुफा कश्मीर के श्रीनगर शहर से लगभग 140 किलोमीटर दूर है। यह समुद्रतल से 13,600 फीट ऊंचाई पर है। गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर तथा ऊंचाई 11 मीटर है।
बाबा जी का दिव्य शिवलिंग प्राकृतिक बर्फ से बनता है, ऐसी मान्यता है कि अमरनाथ गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। शिवलिंग का निर्माण अपने आप प्राकृतिक बर्फ से होता है। शिवलिंग चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ घटता-बढ़ता है। सावन महीने के अंतिम दिन पूर्णिमा को यह पूरे आकार में आ जाता है। इसके पश्चात धीरे धीरे शिवलिंग छोटा होता जाता है।
अमरनाथ जाने का चंदनबाड़ी और बालटाल दो मार्ग है जिससे चलकर लाखों भक्त हर वर्ष बाबा बर्फानी के दर्शन हेतु जाते है, चंदनबाड़ी मार्ग से गुफा 32 किलोमीटर और बालटाल से 14 किलोमीटर दूर है।
आज दुर्ग भिलाई से रवाना हुआ दुर्ग भिलाई के भक्तों में विशेष रूप से ऋषि साहू, आकाश साहू, पंकज सिंह, कृपा शंकर, त्रिमलेश, आर के प्रसाद, पंकज सिंह, त्रिमलेश, दीपक, प्रतीक दीपक, कुणाल, बी,के.हरमुख, कमलावती, आशा, ममता, अनुपा, बिना, दीपिका, लक्ष्या, नन्दनी, बी. लक्ष्मी, पोषण, आशीष, बलवंत, विकाश, बेतनात, नितेश, कृपाशंकर, रावनम्मा ओंकार लाल, सुनील कुमार, पुरूषोत्तम, केशवन, ओंकेश्वर, दिनेश एवं अन्य रवाना हुए..