Home अन्य छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल है गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही – मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल है गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही – मुख्यमंत्री

37
0
Spread the love

रायपुर : मुख्यमंत्री ने कहा है कि गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही का क्षेत्र छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल है और यह क्षेत्र साहित्यकारों और पत्रकारों के लिए पवित्र भूमि है। यह वही भूमि है जहां हिन्दी साहित्य की पहली कहानी का उद्गम हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि उनके कार्यकाल में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को नये जिले के रूप में गौरव मिला। वे आज जिला मुख्यालय गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में आयोजित पंडित माधव राव सप्रे की 152वीं जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। गौरतलब है श्रीकांत वर्मा पीठ बिलासपुर और जिला प्रशासन के सहयोग से सप्रे जयंती के अवसर पर व्याख्यान और विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेलमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने महोत्सव में आगे कहा कि पेण्ड्रा शहर का बहुत पुराना इतिहास रहा है। यहां से सन 1900 में छत्तीसगढ़ मित्र अखबार का प्रकाशन आरंभ हुआ। पहली कहानी भी यहीं लिखी गई। यहां की मिट्टी में पत्रकारिता और साहित्य रचा-बसा है। यह क्षेत्र अरपा ही नहीं, पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल भी है। उन्होंने कहा कि यहां की आबोहवा इतनी अच्छी है कि गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर अपनी पत्नी के साथ यहां स्वास्थ्य लाभ लेने आए थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने से केवल इसी क्षेत्र के लोगों की ही मांग पूरी नहीं हुई, बल्कि राज्य में जीपीएम समेत 6 नये जिले बने। जिलों के साथ-साथ 19 नये अनुविभाग और 83 नई तहसीलें भी बनाई गईं। हमने जो नये जिले बनाए हैं, उनमें से लगभग सभी जिले ऐसे हैं जहां वंचित समुदाय के लोग बहुतायत में निवास करते हैं। ये वे लोग हैं जो वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित रहे, और जिन्हें वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा थी। नये जिलों के गठन का उद्देश्य इन्हीं समुदायों तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करना है।