रायपुर। राजधानी सहित प्रदेशभर के लोगों को गर्मी से राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। आंकड़ों के अनुसार रविवार को पिछले तीस वर्षों में रायपुर के औसत तापमान से सात डिग्री तक ज्यादा है। वहीं, न्यूनतम तापमान भी औसत से पांच डिग्री ज्यादा रहा। वहीं, प्रदेशभर के औसत तापमान में राजनांदगांव में अधिकतम तापमान सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस तक अधिक है। वहीं, अगले दाे दिनों तक गर्मी से लोगों को राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है।
21-22 जून से लगभग प्रदेशभर में प्री-मानसून की बारिश होना संभव
मौसम विभाग के अनुसार दो दिनों तक अधिकतम तापमान में कोई विशेष बदलाव होने की संभावना नहीं है। जबकि दो दिनों के बाद प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में प्री मानसून की बारिश होने की संभावना। इसी बीच रविवार को प्रदेश में सर्वाधिक तापमान सक्ती और रायगढ़ में 45.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान नारायणपुर में 26.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा प्रदेश के एक-दो स्थानों में हल्की वर्षा भी देखने को मिली। जिसमें सर्वाधिक वर्षा बस्तर के तोकापाल में तीन सेमी वर्षा दर्ज की गई।
मानसून की गतिविधियां दो दिनों में होंगी तेज
वर्तमान में मानसून दक्षिण की ओर से और दक्षिण-पश्चिम की ओर से प्रवेश कर रहा है। ऐसे में दोनों ही दिशाओं से मानसून के आने की वजह से प्रदेश के सभी हिस्सो में मानसून की गतिविधियां तेज होने की संभावना है। इसकी वजह से पूरे प्रदेशभर में मानसून की गतिविधियां तेज होने के साथ ही बारिश के आसार भी बन रहे हैं।
जगदलपुर में लगातार दो दिनों से प्री मानसून हावी
मानसून दक्षिण की ओर से छत्तीसगढ़ में प्रवेश करता ही है, लेकिन अब तक आंध्रप्रदेश और तेलंगाना को मानसून ने पूरी तरह से कवर नहीं किया है। फिर भी मानसून की गतिविधियां तो वहां तेज हो ही गई हैं और दो दिनों से यानी कि शनिवार और रविवार को बारिश देखने को मिल रही है। ऐसे में जल्द ही प्रदेश के लोगों को भी इससे राहत मिलने की संभावना है।
इन जिलों में चली ग्रीष्म लहर
अधिकतम तापमान में वृद्धि की वजह से प्रदेश के कई जिलों में ग्रीष्म लहर चली। जिसमें राजनांदगांव, रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, दुर्ग, पेंड्रा रोड, बलौदा बाजार, महासमुंद, रायगढ़, जांजगीर, मुंगेली, जशपुर भी शामिल है।
बिहार, झारखंड से आगे बढ़ेगा मानूसन
मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगले दो से तीन दिनों के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के कुछ हिस्सों से दक्षिणी मानसून आगे बढ़ने की संभावना है और परिस्थितियां भी पूरी तरह से मानसून के अनुकूल हैं। वहीं, एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्वोत्तर बिहार और उसके आसपास स्थित है। साथ ही एक ट्रफ झारखंड, छत्तीसगढ़ एवं पूर्वी मध्यप्रदेश होते हुए समुद्र तल से 0.9 किमी ऊंचाई पर बना हुआ है। इसकी वजह से आगामी भविष्य में लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है।