Home छत्तीसगढ़ नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह प्रोजेक्ट उन्नति का लाभ लेकर पंडरीपानी की...

नवा छत्तीसगढ़ के 36 माह प्रोजेक्ट उन्नति का लाभ लेकर पंडरीपानी की नीलू कंवर ने दिया अपने सपनों को नया आयाम

111
0
Neelu Kanwar of Pandripani gave a new dimension to her dreams by taking advantage of the progress of 36 months project of Nava Chhattisgarh.
Better option for self Employment
Spread the love
  • कौशल उन्नयन प्रशिक्षण लेकर सिलाई-कढ़ाई कर हर माह कमा रही छह हजार रूपए
  • टेलर दीदी के रूप में मिल रही पहचान

कोरबा, 14 दिसंबर | Better option for self Employment : प्रोजेक्ट उन्नति के तहत जिले के पंडरीपानी गांव की नीलू कंवर कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने सपनों को नया आयाम दे रही हैं। नीलू ने बताया कि प्रोजेक्ट उन्नति से मुझे अपने घर में ही स्वरोजगार का बेहतर विकल्प मिला है।

आज मुझे लोग टेलर दीदी के नाम से बुलाते हैं। सुनकर खुशी होती है, ऐसा लगता है मुझे एक नया जीवन और एक नई पहचान मिली है.

20 वर्षीय नीलू कंवर के पिता जयलाल कंवर गांव में ही खेती किसानी का काम करते हैं. नीलू भी अपने माता-पिता के साथ खेती-किसानी में हाथ बंटाती थी। कृषि कार्य से प्राप्त आय परिवार के भरण-पोषण के लिए पर्याप्त नहीं था।

ऐसी स्थिति में नीलू कंवर ने अपनी रूचि के अनुसार आत्मनिर्भर बनने की ठानी। नीलू की इच्छा थी कि वह अपने पैरो पर खड़ी हो, उनका अपना रोजगार हो।

सिलाई-कढ़ाई में विशेष रूचि होने के कारण नीलू कंवर ने इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए सोचा लेकिन उसके पास न तो कोई साधन था और न ही कोई प्रशिक्षण देने वाला।

इसी बीच (Better option for self Employment) रोजगार सहायक साधना सारथी ने प्रोजेक्ट उन्नति के बारे में बताया। रोजगार सहायक ने बताया कि कोरबा के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा सिलाई, कढ़ाई, बुनाई के लिए एक माह का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण का लाभ लेकर आकर्षक ड्रेस, फैंसी सूट आदि बनाकर बेहतर लाभ अर्जित किया जा सकता है।

रोजगार सहायक द्वारा दिए गए सलाह ने नीलू कंवर के सपनों को परवाज देने का काम किया।

नीलू ने प्रशिक्षण में भाग लेकर सिलाई, कढ़ाई, बुनाई का बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त किया। पहले जहां खेती किसानी में मजदूरी से बमुश्किल ही परिवार का भरण पोषण हो पाता था, वहीं आज नीलू अपने ही गांव में बच्चों की ड्रेस सिलाई, डिजाइनर ब्लाउज, फैंसी सूट आदि सिलकर हर माह छह हजार रूपए की आमदनी प्राप्त कर रहीं हैं।

नीलू ने बताया कि परिवार की आमदनी बढ़ने से केवल मैं ही नहीं बल्कि मेरा पूरा परिवार खुशहाल है। नीलू ने शासन की इस नई पहल का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।

गौरतलब है कि कौशल उन्नयन एवं (Better option for self Employment) स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए महात्मा गांधी नरेगा और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं और शासन की इन्हीं प्रयासों का लाभ लेकर नीलू कंवर ने अपने सपनों को एक नई उड़ान दी है।