रायपुर .घडी की सुई को उल्टी दिशा में घूमते हुवे देखा है कभी वो भी सही समय बताते हुवे .छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित आदिवासी शक्ति पीठ से जुड़े गोंड आदिवासी परिवारों की घड़ी उलटी यानी दायीं से बायीं ओर चलती है। जबसे इन्होंने घड़ी का इस्तेमाल शुरू किया है, यह सिलसिला तभी से इसी तरह चला आ रहा है।इस विशेष घड़ी का निर्माण खासतौर पर आर्डर देकर कराया जाता है। समुदाय की ओर से समय-समय पर अपनी आवश्यता के अनुरूप निजी इस्तेमाल के लिए और समय-समय पर होने वाले सामाजिक कार्यक्रमों में आने वाले सदस्यों को प्रदान करने के लिए इसे बनवाया जाता है। कोरबा जिले में दस हजार से ज्यादा परिवार इस तरह की उलटी घड़ी इस्तेमाल कर रहे हैं। आदिवासी शक्ति पीठ से जुड़े आदिवासी समाज के समुदायों में यही घड़ी प्रचलित है, जिसका इस्तेमाल वे दशकों से करते आ रहे हैं। गोंडवाना समुदाय के आदिवासी परिवारों ने इसे प्राकृतिक क्रम बताते हुए गोंडवाना टाइम्स का नाम दिया है।उनका मानना है कि पृथ्वी भी दायीं से बायीं ओर घूर्णन करती है। सूर्य, चंद्रमा और तारे भी उसी दिशा में घूमते हुए अंतरिक्ष की सैर कर रहे हैं। इनका मानना है कि प्रकृति के विपरीत दुनिया में प्रचलित घड़ियां उलटी दिशा में घूम रहीं हैं ।