समय दर्शन:- जाने माने बॉलीवुड प्लेबैक सिंगर मोहम्मद अज़ीज़ नहीं रहे. मंगलवार,27 नवम्बर की शाम दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. वे एक शो करने के लिए पिछली रात कोलकाता गए हुए थे. आज शाम 4 बजे के करीब वे मुंबई पहुंचे. एयरपोर्ट से घर जाते हुए उन्हें बेचैनी होने लगी. उनके ड्राइवर उनको अस्पताल लेकर गए. डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया. उन्होंने बहुत सारे सुपरहिट गाने गाए थे 1 उनका प्यार का नाम मुन्ना था. पश्चिम बंगाल में जन्मे और पले-बढ़े ! बचपन से ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया था. अपना सपना पूरा करने वे 1984 में बंबई आए थे. उनकी पहली फिल्म (अंबर) भी उसी साल रिलीज हुई !
उन्हें बड़ा ब्रेक तब मिला जब अन्नू मलिक ने अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म ‘मर्द’ में ‘मर्द तांगेवाला’ गाना उनको दिया. ये बहुत हिट हुआ. उसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा. उन्होंने हर सफल कंपोजर के लिए गाया. लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने भी उनको अपनी कई फिल्मों में मौका दिया !
जब लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी का उतार आया तो उनका करियर भी उतर गया और तब म्यूजिक डायरेक्टर लोग उदित नारायण और कुमार सानू जैसे नए गायकों को ज्यादा लेने लगे !
वे मोहम्मद रफी के गानों के बहुत बड़े फैन थे. वे उनको अपना गुरु मानते थे. हालांकि अज़ीज़ ने रफी से कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी लेकिन सुन सुन कर सीखा. और करियर में एक समय ऐसा भी आया था जब लोग उनको मोहम्मद रफी का उत्तराधिकारी कहने लगे थे. एक बार अज़ीज़ ने कहा था कि “मुझे लगता है कि अगर कोई मोहम्मद रफी का 5 परसेंट भी गाने के लायक हो जाता है तो उसे देश का बेस्ट सिंगर माना जा सकता है.”
रफी उनकी कितनी बड़ी प्रेरणा थे इसे लेकर अज़ीज़ ने कहा था, “उन्होंने मुझे इस हद तक प्रेरित किया था कि मैं अपनी पूरी आत्मा लगाकर उन्हें आत्मसात कर सकता हूं. हालांकि मैंने अपनी फॉर्मल ट्रेनिंग एक टीचर से ली है लेकिन मैं रफी साहब को अपना गुरु मानता हूं. मैंने आज कई भाषाओं में और दुनिया भर में परफॉर्म किया है और मैं अपनी इस सक्सेस का श्रेय उनको देता हूं.” मोहम्मद अज़ीज़ ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में ये अफवाह हुआ करती थी कि मैं रफी साहब का शिष्य था और उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं.
एक बार रफी साहब ने मोहम्मद अज़ीज़ के गाने सुने भी थे. तब रफी ने कहा था – “अरे ये तो मेरे जैसा गाता है.”
माना जाता है कि अलग-अलग भाषाओं में मोहम्मद अज़ीज़ ने करीब 20,000 से ज्यादा गाने गाए थे. इनमें से ‘आप के आ जा ने से’, ‘इमली का बूटा बेरी का पेड़’, ‘काग़ज कलम दवात ला’, ‘दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए’, ‘मेरे दो अनमोल रतन’, ‘माई नेम इज़ लखन’, ‘तुझे रब ने बनाया होगा’ जैसे कई गाने हमें याद हैं
