भारत के महान योद्धा और मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की आज जयंती है। आज ही के दिन साल 1630 में शिवनेरी दुर्ग में उन्का जन्म हुआ था। छत्रपति शिवाजी को एक कुशल रणनीतिकार और निपुण प्रशासक के रूप में याद किया जाता है।
छत्रपति शिवाजी महाराज भारत के महान योद्दा और कुशल रणनीतिकार थे। जिन्होंने पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। 1674 ई.में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वे छत्रपति बन गये।
शिवाजी ने अपनी अनुशासित सेना और संगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये और गुरिल्ला वॉर की नयी शैली विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं और दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फारसी के स्थान पर मराठी और संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया।
शिवाजी को एक कुशल और प्रबुद्ध सम्राट के रूप में जाना जाता है। जबकि उन्हें बचपन में पारम्परिक शिक्षा कुछ खास नहीं मिली थी, पर वे भारतीय इतिहास और राजनीति से वाकिफ थे। उन्होंने शुक्राचार्य और कौटिल्य को आदर्श मानकर कूटनीति का सहारा लेना कई बार उचित समझा था।
शिवाजी एक समर्पित हिन्दु थे और धार्मिक सहिष्णु भी थे। वह एक अच्छे सेनानायक के साथ एक अच्छे कूटनीतिज्ञ भी थे। कई जगहों पर सीधे युद्ध लड़ने की बजाय वे संधि करने के पक्षधर थे। यही उनकी कूटनीति थी, जो हर बार बड़े से बड़े शत्रु को मात देने में उनका साथ देती रही। 3 अप्रैल 1680 को महज 50 साल की उम्र में वीर छत्रपति शिवाजी महाराज ने लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। लेकिन शिवाजी की स्मृतियाँ आज भी जीवंत हैं।
