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अंतरिक्ष की दुनिया में इसरो ने रचा

इतिहासभारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए  ऐतिहासिक दिन है. इसरो ने अपना 100वां सफल उपग्रह प्रक्षेपण किया. इसरो के प्रक्षेपण केंद्र श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी-40 के जरिए कार्टोसेट-2 के अलावा 30 और सैटेलाइट भेजे गए.इस प्रक्षेपण में 28 विदेशी उपग्रह भी शामिल रहे. विदेशी उपग्रहों में कनाडा, फिनलैंड, कोरिया, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के 25 नैनो और तीन माइक्रो सैटेलाइट शामिल हैं. यह दूसरा मौका है जब भारत ने एक साथ इतने सैटेलाइट भेजे हैं.

कार्टोसैट-2 सैटलाइट को ‘आई इन द स्काई’ के नाम से भी जाना जा रहा है, क्योंकि इसे अतंरिक्ष से तस्वीरें लेने के लिए ही बनाया गया है. इस मिशन में गए पीएसएलवी सी-40 का कुल वजन 1,323 किलोग्राम है.

इस प्रक्षेपण के साथ ही इसरो के अध्‍यक्ष डॉ एएस किरन कुमार का कार्यकाल पूरा हो गया है. के सिवन ने इसरो के नए चेयरमैन का कार्यभार संभाल लिया है.

इसरो की इस कामयाबी पर राष्ट्रपति ने वैज्ञानिकों को बधाई दी है. उन्होंने कहा, ‘भारत के 100वें उपग्रह प्रक्षेपण में कार्टोसैट-2 और दो सहयात्री उपग्रहों के साथ ही 6 साथी देशों के 28 उपग्रहों का प्रक्षेपण प्रत्येक देशवासी के लिए गर्व का पल है. इसरो की टीम के असाधारण वैज्ञानिकों को बधाई. हमारे देश के लिए मील का पत्थर.’

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरिक्ष में सफलता पर बधाई देते हुए कहा, ‘100वां उपग्रह प्रक्षेपण करने की इसरो की उपलब्धि कई मायने में ऐतिहासिक और अंतरिक्ष में भारत की यात्रा में बड़ा पड़ाव है. अंतरिक्ष के क्षेत्र में इसरो के वैज्ञानिकों ने अपनी एक ख़ास जगह बनाई है.’

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