स्मार्टफोन मेकर्स हर दिन नई तकनीकों के साथ नए-नए स्मार्टफोन लॉन्च कर रहे हैं। महंगी कीमत के साथ इसमें यूजर की सिक्योरिटी के लिए फेस अनलॉक और फिंगरप्रिंट रीडर जैसे फीचर्स दिए जाते हैं। लेकिन क्या यह फीचर सच में यूजर के फोन को सिक्योर रख सकते हैं? हाल ही में ऑनलाइन इमेज शेयरिंग कम्युनिटी Imgur पर डार्क शार्क नाम के एक यूजर ने वीडियो पोस्ट किया है। जिसमें यूजर 3डी प्रिंटेड फिंगरप्रिंट से सैमसंग गैलेक्सी एस 10 अनलॉक करते दिखाई दे रहा है।
डार्क शार्क ने प्रोसेस की फोटो के साथ फोन अनलॉक करने का वीडियो भी पोस्ट किया है। जिसके साथ कैप्शन में लिखा, ‘मैंने नए सैमसंग गैलेक्सी एस 10 के अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट स्कैनर को 3डी प्रिंटिंग की मदद से बेवकूफ बनाने की कोशिश की। मैं कामयाब रहा।’ गैलेक्सी एस 10 का फिंगरप्रिंट अन्य वर्जन से अलग है। इस मॉडल में अल्ट्रासोनिक सेंसर लगाया गया है। कंपनी के मुताबिक इसे बेवकूफ बनाना बेहद मुश्किल है। जबकि डार्कशार्क के पोस्ट ने फोन के इस महंगे फीचर पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डार्क शार्क ने अपने पोस्ट में पेमेंट और बैंकिंग ऐप्स में फिंगरप्रिंट सेन्सर के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर भी चिंता जताई।
फिंगरप्रिंट की फोटो से बनाया 3डी प्रिंट
प्लेटफॉर्म पर यूजर का नाम डार्क शार्क है। यूजर ने पोस्ट में बताया कि उसने पहले वाइन ग्लास पर अपना फिंगरप्रिंट लिया, और फिर उसकी फोटो क्लिक की। इस फोटो को फोटोशॉप सॉफ्टवेयर में प्रोसेस करने के बाद उसका 3डी मैक्स मॉडल बनाया। इस मॉडल की मदद से डार्क शार्क ने फोटो में दिखाई दे रही लाइन्स का 3डी वर्जन क्रिएट किया। 3 कोशिश और 13 मिनट बाद यूजर ने अपने फिंगरप्रिंट का 3डी प्रिंट बना लिया, जिससे गैलेक्सी एस 10 धोखा खा गया।
सैमसंग गैलेक्सी एस 10 में कंपनी ने अपने बाकी वर्जनों से बेहतर अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट स्कैनर देने का दावा किया है। फोन की 3डी टेक्नॉलजी उंगली से रिफ्लेक्ट होने वाली अल्ट्रासोनिक वेव्स से फिंगरप्रिंट पैटर्न का एक 3डी मैप बनाती है।
क्वालकॉम का दावा है कि यह सेंसर पुराने ऑप्टिकल इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर से ज्यादा सुरक्षित है जो 2डी इमेज क्रिएट करता है। लेकिन यूजर डार्कशार्क ने कंपनी के इस दावे को झूठा साबित कर दिया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब किसी व्यक्ति ने फोन अनलॉक सिस्टम को झांसा दिया हो। 2016 में मिशिगन पुलिस ने एक हत्या के आरोपी का मोबाइल अनलॉक करने के लिए 3डी प्रिंट तकनीक का सहारा लिया था। वहीं 2017 में वियतनाम की एक सायबर सिक्योरिटी फर्म ने 150 डॉलर में एक फेस मास्क तैयार कर उससे आईफोन एक्स की एपल फेस आईडी को धोखा दिया था।
