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दिल्ली-हैदराबाद के मैच का नतीजा काफी कुछ नजरिए पर निर्भर करेगा

18 अंक वाली टीम का 12 अंक वाली टीम से एलिमिनेटर में खेलना अजीब
धवन और इशांत को अपने साथ जोड़ने का दिल्ली का फैसला बेहतरीन
यह काफी अजीब है कि एक टीम जिसने 18 अंकों के साथ अपना लीग चरण खत्म किया हो, उसे एलिमिनेटर में 12 अंक हासिल करने वाली टीम के साथ भिड़ना पड़े। मगर जब दिल्ली कैपिटल्स की टीम सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ बुधवार को मैदान में कदम रखेगी तो उसे यह साबित करना होगा कि 14 मैचों के प्रदर्शन के आधार पर वे बेहतर टीम है। यही वजह है कि दिल्ली इस मुकाबले में दावेदार के तौर पर उतरेगी।
शिखर धवन को अपने साथ जोड़ने का दिल्ली का फैसला बेहतरीन साबित हुआ और यही बात इशांत शर्मा के बारे में भी कही जा सकती है। मगर हैदराबाद की टीम भी इस बात से वाकिफ होगी कि बेहद मजबूत दिख रही उसकी विपक्षी टीम के भी कुछ कमजोर हिस्से हैं। पृथ्वी शॉ और कॉलिन इनग्राम लय में नहीं हैं। पंत के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है। क्रिस मॉरिस के लिए आईपीएल का यह सीजन निराशाजनक रहा है और कगिसो रबाडा लौट चुके हैं। हालांकि, एक पहलू ये भी है कि जब पंत लय में होते हैं, तो टीम के लिए मैच जिताते हैं। श्रेयस अब तक बेहद प्रभावशाली दिखे हैं। ट्रेंट बोल्ट अभी तक रबाडा का अच्छा विकल्प साबित होते दिख रहे हैं।
राशिद खान के लय में लौटने की उम्मीद
दिल्ली की टीम को यह भी पता होगा कि डेविड वॉर्नर और जॉनी बेयर्स्टो की गैरमौजूदगी में हैदराबाद की टीम उतनी मजबूत नहीं होगी। सनराइजर्स ने नीलामी में समझदारी से खिलाड़ियों का चुनाव किया। मनीष पांडेय और केन विलियम्सन के लय में लौटने से टीम को काफी उम्मीदें होंगी। हालांकि, टीम को मध्यक्रम में अपने भारतीय खिलाड़ियों से और अधिक अच्छे प्रदर्शन की दरकार होगी। साथ ही उसे यह भी उम्मीद करनी होगी कि राशिद खान फिर से लय में लौटें और टीम के गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई करें। मगर नतीजा काफी कुछ नजरिए पर निर्भर करता है। क्या दिल्ली की टीम उसी दबदबे के साथ प्रदर्शन कर सकेगी।

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