लक्ष्मण ने कहा- अगर टकराव की बात आती है, तो मैं उसका विरोध करने के लिए तैयार हूं
लक्ष्मण पर सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटर और सीएसी के सदस्य के तौर पर दोहरी भूमिकाएं निभाने का आरोप
नई दिल्ली. वीवीएस लक्ष्मण ने हितो के टकराव के मामले में विनोद राय के नेतृ्त्व वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) पर संवादहीनता का आरोप लगाया। बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन के नोटिस के जवाब में उन्होंने सीओए पर यह आरोप लगाया। लक्ष्मण ने कहा- सीओए क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (सीएसी) का इस्तेमाल सिर्फ सीनियर टीम के कोच के चयन के लिए करता है। हमारे किरदार को अब तक विस्तार से बताया नहीं गया। हमसे व्यापक भूमिका का वादा किया गया था।
लक्ष्मण ने बीसीसीआई के लोकपाल और एथिक्स ऑफिसर को हितों के टकराव मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर टकराव की बात आती है, तो मैं उसका विरोध करने के लिए तैयार हूं।
‘सीएसी के लिए मिले पत्र में कार्यकाल का जिक्र नहीं’
उन्होंने अपने हलफनामे में लिखा, “हमने सात दिसंबर 2018 को सीओए से अपनी भूमिका और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करने को कहा था, लेकिन आज तक यह नहीं हुआ। हमें 2015 में इससे संबंधित पत्र मिला था, लेकिन इस पर कार्यकाल के समय का जिक्र नहीं है। ऐसे में यह अपेक्षा करना उचित है कि सीओए से कोई जवाब मिले कि क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी अस्तित्व में है या नहीं, लेकिन ऐसा नहीं हो हुआ।”
‘भारतीय क्रिकेट के विकास के लिए सीएसी का सदस्य बना’
लक्ष्मण ने लिखा, “हमें भारतीय क्रिकेट के विकास में योगदान देने के लिए कहा गया गया। इसलिए मैं सीएसी का सदस्य बनने के लिए तैयार हुआ। संन्यास के बाद भारतीय क्रिकेट को सुपर पावर बनाने में अपना योगदान देने के लिए मैं मेहनताना लेने से भी मना कर सकता था।”
‘महिला टीम के कोच को चुनने के लिए 24 घंटे से भी कम समय दिया गया’
लक्ष्मण ने दावा किया कि सीओए ने तीन सदस्यीय सीएसी को महिला टीम का मुख्य कोच चुनने के लिए कम समय दिया। उन्होंने कहा, “दिसंबर 2018 में महिला टीम के कोच को चुनने के लिए 24 घंटे से भी कम समय दिया गया। पहले से तय शेड्यूल और कम समय के कारण तीनों ने इससे मना कर दिया। इसके बाद कपिल देव, शांता रंगास्वामी और अंशुमान गायकवाड़ ने कोच के रूप में डब्ल्यूवी रमन के चुना।”
मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के सदस्य ने की थी शिकायत
लक्ष्मण के अलावा इस मामले में सचिन तेंदुलकर पर भी आरोप लगे थे। उन्होंने भी अपना जवाब लोकपाल को भेज दिया है। तेंदुलकर-लक्ष्मण को मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के सदस्य संजीव गुप्ता द्वारा दायर की गई शिकायत पर नोटिस भेजा गया था। दोनों पर आईपीएल टीम में सलाहकार और सीएसी के सदस्य के रूप में दोहरी भूमिका के आरोप लगे थे।

