खेल डेस्क. इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) अगले साल से क्रिकेट के नए फॉर्मेट ‘100 बॉल’ (द हंड्रेड) की शुरुआत कर सकता है। इस फॉर्मेट की हर पारी में 100 गेंद फेंकी जाएगी। यही वजह है कि इस फॉर्मेट में बल्लेबाज टी-20 या वनडे की तुलना में ज्यादा आक्रामक दिखेंगे। साल 2006 के बाद से टेस्ट में बल्लेबाज 24%, वनडे में 40% और टी-20 में 58% अटैकिंग शॉट खेले। इस फॉर्मेट में बल्लेबाजों की आक्रमकता के साथ स्कोरिंग रेट में बढ़ोतरी होगी। एक अनुमान के मुताबिक हर गेंद पर औसतन 1.43 रन बनेंगे। हर 16 गेंद के बाद विकेट गिरेंगे। इस टूर्नामेंट में लॉर्ड्स, ओवल, एजबस्टन, हेडिंग्ले, ट्रेंट ब्रिज, ओल्ड ट्रैफर्ड, कार्डिफ और साउथैम्प्टन की टीमें शामिल हो सकती हैं। मेन्स के साथ वुमेन्स टूर्नामेंट भी खेला जाएगा।
आंकड़े टेस्ट वनडे टी-10 100-बॉल टी-10
प्रति गेंद रन 0.54 0.86 1.3 1.43 1.94
प्रति विकेट गेंद 62 36 17 16 12
औसत स्कोर 335 ऑल आउट 261/8 157/7 143/6 117/8
‘100 बॉल’ फॉर्मेट के नियम
इसमें टी-20 फॉर्मेट से 20 गेंद कम होंगी। बल्लेबाज 10 गेंद के बाद अपना छोर बदल सकते हैं। फिलहाल ऐसा 6 गेंदों के बाद ही होता है।
एक गेंदबाज लगातार 5 या 10 गेंद फेंक सकता है। हालांकि, पारी में वह 20 से ज्यादा गेंद नहीं करेगा।
पारी की शुरुआत में 25 गेंदों तक पावरप्ले लागू होगा। इसमें सिर्फ दो फील्डर 30 गज से बाहर रहेंगे।
हर टीम को 2.5 मिनट का स्ट्रेटेजिक टाइम आउट मिलेगा।
पावरप्ले में बल्लेबाजी मुश्किल होगी
वनडे और टी-20 में यह देखा गया है कि बल्लेबाज रन बनाने से पहले कुछ देर क्रीज पर जमने में लेता है। ऐसे में 25 गेंदों के पावरप्ले में उसे तेजी से रन बनाने होंगे। 2015 के बाद से वनडे और टी-20 में तीसरे ओवर के बाद ही तेजी से रन बनते हैं। टी-10 में दूसरे ओवर के बाद से ही बल्लेबाज तेजी से रन बनाने लगते हैं।
पावरप्ले के दौरान पावरगेम (2015 से)
फॉर्मेट पावरप्ले में प्रति ओवर औसत रन
वनडे 4.93
टी-20 7.73
टी-10 12.02
आंद्रे रसेल
तेजी से रन बनाने वाले और स्पिनर्स की भूमिका बढ़ेगी
इस फॉर्मेट में जो बल्लेबाज तेज शुरुआत करेगा, टीम में उसकी उपयोगिता बढ़ेगी। कीरोन पोलार्ड, आंद्रे रसेल और क्रिस गेल जैसे पॉवर हिटर्स बल्लेबाजों की मांग ज्यादा होगी। एक या दो रन पर ध्यान देने वाले बल्लेबाजों की मांग घटेगी। राशिद खान, सुनील नरेन जैसे दोनों तरफ गेंद को टर्न कराने वाले स्पिनर्स की भी मांग बढ़ेगी। परंपरागत तरीके से स्पिन करने वाले गेंदबाज इस फॉर्मेट में महंगे साबित हो सकते हैं।
बाउंसर और यॉर्कर करने वाले तेज गेंदबाज उपयोगी होंगे
इस फॉर्मेट में ज्यादा तेजी से गेंद करने के बजाए यॉर्कर, स्लोवर-वन जैसी गेंद डालने वाले गेंदबाज उपयोगी साबित होंगे। टी-20 की तरह इस फॉर्मेट में भी ओवर में एक बाउंसर करने की इजाजत रहेगी। एक तरफ टी-20 में 24 गेंद में 4 यानी 16% बाउंसर किए जाते हैं। दूसरी ओर ‘100 बॉल’ 20 गेंद में चार यानी 20% बाउंसर फेंकी जा सकती है। अगर कोई गेंदबाज हर पांच गेंद में एक सटीक बाउंसर करता है तो वह 4 मैच में 4 डॉट गेंद फेंक सकता है।
