खेलों इंडिया स्कूल गेम्स में हर राज्य से आए युवा खिलाड़ियों ने अपने खेल से सभी को प्रभावित किया है। इन युवा एथलीटों न केवल प्रतियोगिताओ में पदक जीते बल्कि अपने खेल के स्तर को बढाते हुए साफ संकेत दे दिए है कि आने वाले समय में ये ही भारतीय खेल का भविष्य होंगे।
खेलों इंडिया में खिलाडियों की बढ़ती दिलचस्पी इसकी सफलता की एक नई कहानी लिख रही है। 16 स्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाडियों ने इन खेलों में जमकर पदक जीते है। ऐसी ही एक एथलीट है केरल की 16 साल की एंसी जिन्होने दो पदक जीतकर अपने प्रदेश की अच्छे जम्पर की परंपरा को बनाए रखा है उन्होंने ऊंची कूद में 5.80 मीटर की दूरी मापी।

वही रेंस ट्रैक पर भी अपना जलवा कायम रखा उन्होने बालिकाओं की 200 मीटर स्पर्धा में रजत पदक जीता। एंसी के पिता एक ओटों ड्रावर है और कोच भी ड्रावर की जॉब करते है लेकिन एंसी की काबलियत को दोनो का समर्थन मिला और आज एंसी इस मुकाम तक पहुंची है, एंसी ने नेशनल स्कूल गेम्स और जूनियर नेशनल जैसी प्रतियोगिताओं में भी शिरकत की है और कुल 12 पदक जीते हैं।
पहली बार आयोजित हो रहे इन खेलों में शामिल होकर एंसी को एक नई पहचान मिली और अब वो राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओ में शिर्कत करने उद्देश्य से तैयारी करेंगी। टीम मैनेजर और एंस की भरोसा है कि वो इस कार्यक्रम के तहत मिलने वाली स्कोर्लशिप को हासिल कर वो अपने मंजिल को जरुर हासिल करेंगी।
एथलेटिस के इवंट अब खत्म हो चुके है जबकि मुक्केबाजी, बास्केट बॉल, जिमनास्टिक और जूडे सहित कुछ इवेंट अभी बाकि है जहां खिलाड़ियों के बीच पदक को हासिल करने के लिए जोर आजमाइश जारी है।
खिलाडी पदक जीतने के लिए किसी भी स्तर पर कोई कोर कसर नही छोड रहे है और स्कूल गेम्स के इस मंच बिलकुल बेकार नहीं जाने देना चाहते।

