इंदौर: कुश्ती के नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं और इन नियमों का पालन करना सभी पहलवानों के लिए जरूरी है. यूनाइटेड वल्र्ड रेसलिंग ने कुश्ती के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब किसी भी चैंपियनशिप में पहलवानों का वजन एक दिन पहले नहीं, बल्कि बाउट से दो घंटे पहले मापा जाएगा. इसकी आदत भारतीय पहलवानों में नहीं है. अब तक एक ही दिन होने वाली सभी बाउट दो दिन में आयोजित होंगी. पहले दिन सेमीफाइनल तक की बाउट होंगी, तो दूसरे दिन रैपेचेज और पदक के लिए मुकाबले होंगे.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नए नियम एक जनवरी से लागू होंगे और भारतीय पहलवानों को इन नियमों का कितना फायदा मिलेगा, यह तो समय ही बताएगा. नियमों में बदलाव से फाइनल राउंड तक पहुंचने वाले पहलवानों को राहत मिलेगी, क्योंकि अभी तक फाइनल राउंड तक के मुकाबले एक ही दिन होते थे. अब एक दिन का आराम मिलने से अगले दिन नई ऊर्जा के साथ पहलवान मैट पर उतर सकेंगे. इसके अलावा, देखा जाए तो रैपेचेज व पदक के लिए अगले दिन होने वाली बाउट में किसी पहलवान का दो किलो तक वजन बढ़ जाता है. अगर ऐसा होता है, तो उसके बावजूद भी वह मुकाबला लड़ सकेगा. वहीं नए बदलाव के तहत ग्रीको, रोमन मुकाबलों में किसी पहलवान को डिफेंस करने के लिए बैठने की बजाय लेटना होगा. उसके बाद दूसरा पहलवान दांव लगाएगा.
