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कमलनाथ ने कहा- प्रदेश में झूठ, दरिंदगी और माफिया का शासन

भाजपा के जश्न से कांग्रेस दुखी? कमलनाथ ने कहा- प्रदेश में झूठ, दरिंदगी और माफिया का शासन; फिर भी जश्न, ये समझ से परे

कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री

कांग्रेस को मप्र की सत्ता से गए एक साल हो गया है। इसे कांग्रेस लोकतंत्र सम्मान दिवस के रूप में, जबकि भाजपा चौथी बार सत्ता पाने का जश्न मना रही है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि आखिर भाजपा ने ऐसा कौन सा काम किया है, जिस पर वह जश्न मना रही है। न उसने कोरोना से बचाव के उचित कदम उठाए, न ही महंगाई कम की। किसान परेशान हैं। शिवराज झूठ बोलना नहीं छोड़ सकते। वे झूठी घोषणाओं से जनता को भ्रमित कर रहे हैं।

शिवराज के इस कार्यकाल को आप कैसे देखते हैं? उनकी कार्यशैली कैसी है?

इस एक वर्ष में प्रदेश ने सिर्फ झूठ, झूठी घोषणाएं, झूठे वादे करना देखा। शिवराज का एक साल का शासन उनके 15 साल के कुशासन की याद दिला रहा है, जिसमें प्रदेश बहन-बेटियों से दरिंदगी में नंबर वन, अपराधों में नंबर वन, बेरोजगारी में नंबर वन, किसानों की आत्महत्या में नंबर वन था। आज प्रदेश फिर उसी स्थिति पर लौट आया है।

भाजपा एक साल का जश्न मना रही है। कांग्रेस क्यों दुखी है ? शिवराज कहते हैं कि कांग्रेस अपने कर्मों से इस स्थिति में पहुंची है?

कोरोना काल में हजारों मौतें प्रदेश में हो चुकी हैं। अर्थव्यवस्था ठप है। लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं। किसान को उचित दाम नहीं मिल रहे और भाजपा के सत्ता में आते ही किसान कर्ज में फंसने लगा है। बहन-बेटियों से रोज दरिंदगी हो रही है। हर वर्ग आंदोलनरत है और भाजपा जश्न मना रही है। ये जश्न समझ से परे है।

आप कहते हैं कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जो लोग गए, वे सौदेबाजी करके गए। क्या उनमें से कोई वापस आएगा?

यह मैं नहीं कहता, देश में किसी से भी पूछ लीजिए। सभी कहेंगे- सौदेबाजी के तहत गए। ये किसी से छिपा नहीं है। जिन लोगों ने मातृ संस्था से गद्दारी की, साढ़े सात करोड़ जनता का विश्वास तोड़ा, ऐसे गद्दारों के लिए कांग्रेस में अब जगह नहीं है।

अभी नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद आपके पास है। क्या अब कांग्रेस में नए लोगों को लाने की जरूरत है?

जब मैं मुख्यमंत्री था, तब भी मैंने कई बार कहा था कि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी अन्य नेता को दे दें। अभी भी पार्टी नेतृत्व जिसे चाहे जो जिम्मेदारी सौंपे, मुझे नेतृत्व का हर निर्णय स्वीकार है।

सरकार जाने में कौन सी गलतियां हुईं, जिन्हें आप ठीक नहीं कर पाए?

मेरा 40 साल का राजनीतिक अनुभव है, लेकिन हमारी सरकार किसी गलती से नहीं गिरी। सभी जानते हैं कि सौदेबाजी से गिरी। बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान में प्रावधान किया था कि किसी विधायक या सांसद की मृत्यु होने पर उपचुनाव होंगे, लेकिन देश के इतिहास में पहली बार सौदेबाजी के कारण मध्यप्रदेश में एक साथ 28 उपचुनाव हुए। भाजपा ने प्रदेश को कलंकित किया और हमारी चुनी हुई सरकार को बीच में गिरा दिया, क्योंकि हम जनहितैषी निर्णय ले रहे हैं। हां मैंने यह गलती जरूर की कि मैंने सौदेबाजी नहीं की।

परिवार व करीबियों पर जांच एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं, क्या ये राजनीति से प्रेरित हैं?

मेरा आज तक का राजनीतिक जीवन बेदाग है। जिस भी एजेंसी से जो भी जांच कराना हो, सरकार करा ले, मैं तैयार हूं।

नगरीय निकाय चुनावों में प्रत्याशी क्या किसी फॉर्मूले से तय होंगे या पहले जैसे होते थे, वैसे ही प्रत्याशी आएंगे?

इस बार हम नगरीय निकाय चुनाव के प्रत्याशी स्थानीय स्तर पर ही तय करेंगे। इसको लेकर हमने प्रदेश भर में कमेटियों का गठन कर दिया है। उसकी बैठकें हो चुकी हैं। इस बार हम युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौके देंगे।

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