अनूप भंडारी, मेघनगर| सार्वजनिक जगह पर 100रू एवं व्यापारियों की जेब से 500 रू
जिला प्रशासन के इस निर्णय से व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है, पहले से ही लॉक डाउन से लेकर अभी तक व्यापारी कई मार झल चुके हैं पिछले 4 माह में घर का खर्च, लाइट बिल, दुकान किराया, बाजार का ब्याज इन सब से निजात पा ही रहे थे कि शासन की नीति से बाजार में रोज मररा की हर वस्तु के दाम बढ़े हुए जिससे व्यापारी अपने कम मुनाफे और बढ़ते खर्च दोनों से परेशान हो रहा है| आखिर व्यापारी जाए तो कहां जाए अब की बार त्योहारों के आने से पहले ही यह नया फरमान व्यापारियों को परेशान कर रहा है सार्वजनिक स्थलों पर ₹100 की रसीद बन्ना एवं व्यापारियों की दुकान पर व्यापार करते हुए ग्राहक बगैर मास्क में पाया गया तो उसके ₹500 भी व्यापारी को ही देना होंगे| अभी त्योहारों के दिनों में हर दुकानों पर भीड़ तो लगी ही रहेगी ऐसी स्थिति में व्यापारी या तो पैसा देगा या विवाद होंगे दोनों ही स्थिति में नगर का माहौल खराब होना है
यह जन चर्चा का विषय बना हुआ है कि बंगाल में जहां चुनावी दौर चल रहा है, वहां लाखों की तादाद में लोग इकट्ठे हुए हैं क्योंकि राजनैतिक पार्टियों को जरूरत थी तो पब्लिक को इकट्ठा कर लिया, यहां पर व्यापारी व्यापार करना चाहते हैं तो उनके लिए कोरोना के नाम पर पब्लिक को परेशान करना| आमजन इस वैश्विक महामारी की गंभीरता को समझता है और यह भी जानता है की इसकी रोकथाम भी आवश्यक है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि व्यापारियों के जेब से बगैर सोचे समझे बड़ी राशि निकाली जाए|जिलाशासन को इस मुद्दे पर एक बार फिर विचार करना चाहिए दुकानों व सार्वजनिक दोनों जगह पर एक ही राशि निश्चित करना चाहिए एवं दंड की राशि भी उक्त व्यक्ति से वसूल करना चाहिए ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके एवं सुचारु रुप से अपना व्यापार कर सकें|


