कोरोना से बचाव का रखें विशेष ध्यान: एसडीएम
ज्वालामुखी। प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में चैत्र नवरात्र मेले 25 मार्च से 03 अप्रैल, 2020 तक आयोजित किये जाएंगे। सहायक आयुक्त मंदिर एवं एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा ने मेले की तैयारियों को लेकर आयोजित मंदिर न्यास की बैठक में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी विश्वप्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, तथा देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होने के कारण यहां नवरात्र मेलों में देश-विदेश से श्रद्धालू हर नवरात्र में बड़ी संख्या में आते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कोरोना वायरस की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा हर संभव व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान सभी विभाग एवं आने वाले श्रद्धालू सफाई एवं सवच्छता का विशेष ध्यान रखें और किसी भी आशंकित संक्रमित व्यक्ति की जानकारी प्रशासन को दें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर और रास्तों में प्रतिदिन फॉगिंग करवाई जाए और मॉस्क तथा गल्व्स की भी व्यवस्था की जाए।
उन्होंने मेलों के दौरान साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था एवं स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित बनाने तथा मेलों के दौरान सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर अस्थाई शौचालयों की सुविधा उपलब्ध करवाने के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंनेे सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पेयजल स्त्रोतों की साफ सफाई सुनिश्चित बनाने तथा सभी स्त्रोतों की क्लोरीफिकेशन के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों से बाजार में बिकने वाले खुले में रखे खाद्य पदार्थों का सेवन न करने का आग्रह करते हुए कहा कि दूषित खाद्य पदार्थों के सेवन से कई बीमारियो के फैलने का अंदेशा बना रहता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, गृह रक्षा, परिवहन, विद्युत, इत्यादि सम्बन्धित विभाग पर्यटकों एवं श्रद्धालुुओं को हर सम्भव सहायता एवं सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए तत्पर रहें। उन्होंने कहा कि मंदिर रोड़ पर ढ़ोल-नगाड़े और भिक्षा देने पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा। साथ ही कन्या पूजन के लिए पहले से एक निश्चित स्थान निर्धारित किया जाएगा।
उन्होंने कहा लंगर में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए और लंगर में दी जाने वाली वस्तुयें पहले से निर्धारित की जाएँ। उन्होंने कहा कि इस नवरात्र में कोई भी लंगर खुले में लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अतः खुले में लंगर लगाने में पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। अंकुश शर्मा ने कहा कि व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
उन्होंने स्थानीय व बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वह नवरात्रोें के दौरान स्थानीय प्रशासन, मंदिर समितियों व धार्मिक स्थलों के स्वयंसेवी श्रद्धालुओं को व्यवस्था बनाये रखने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में वाहनों में क्षमता से अधिक लोगों को न भरा जाये। यातायात नियमों का शक्ति से पालन करें ताकि दुर्धटनाओं तथा अनावश्यक जाम से बचा जा सके।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपने सामान तथा बच्चों को अकेले न छोडने का आग्रह करते हुए कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा न करें तथा अपने खान-पान पर विशेष एतियात बरतें ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि मंदिर में दर्शन, पूजा अर्चना अथवा मंदिर परिक्रमा के समय धक्का-मुक्की न करें तथा श्रद्धापूर्वक पंक्तिबद्ध हो कर भक्ति भाव से दर्शन करते हुए व्यवस्था को सचारु बनाने में सहयोग दें। उन्होंने श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को सचेत करते हुए कहा कि वह अपनी यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें तथा किसी भी प्रकार की कठिनाई के समय स्थानीय प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लंगर की व्यवस्था हेतू स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर तहसीलदार एवं मंदिर अधिकारी बी.डी शर्मा, तहसीलदार जगदीश चन्द, डीएसपी ज्वालामुखी तिलक राज, डॉ दीप्ति, प्रेम चंद सैनी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, व्यापार मंडल के सदस्य, मंदिर प्रशासन, मंदिर नयास सदस्य व विभिन्न धर्मशालाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
