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कोरोना खौफ- एशियाई बाजार भारी गिरावट के बाद संभले

बैंकॉक । कोरोना वायरस के खौफ के चलते अनिश्चितता से जूझ रहे शेयर बाजारों के लिए शुक्रवार का दिन भी उतार-चढ़ाव से भरपूर रहा। एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई, लेकिन बाद में ये थोड़ा संभल गए। वॉल स्ट्रीट पर 1987 के ‘काले सोमवार’ के बाद की सबसे बड़ी गिरावट के बाद जापान, थाइलैंड और भारत के शेयर बाजारों में 10 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। पश्चिमी मान्यताओं में किसी माह में 13 तारीख को पड़ने वाले शुक्रवार (फ्राइडे द थर्टीन्थ) को शुभ नहीं माना जाता है। इस दिन का संबंध ईसा मसीह के ‘द लास्ट सपर’ से है। तोक्यो का निक्की 225 सूचकांक करीब छह प्रतिशत गिरा। भारत के सेंसेक्स में भारी उतार-चढ़ाव रहा। सुबह के कारोबार में यह 10 प्रतिशत तक गिर गया जिसके बाद बाजार में कारोबार को रोकना पड़ा। हालांकि बाद में इसमें सुधार देखा गया।
बैंकाक में कुछ देर कारोबार रोकने के बाद थाइलैंड सैट में 0.5 प्रतिशत की मामूली बढ़त दर्ज की गई। कोरोना वायरस संकट के गहराने से निवेशक वैश्विक आर्थिक मंदी को लेकर आशंकित हैं। विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में भी नरमी की वजह से लोगों का आत्मविश्वास डगमगाया हुआ है। हालांकि सरकारों के दखल के संकेतों से निवेशक वापस बाजार का रुख कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस के असर को कम करने के लिए प्रांतीय और क्षेत्रीय नेताओं के खर्च बढ़ाने की घोषणा के बाद एसएंडपी/एएसएक्स 200 सूचकांक 4.4 प्रतिशत की बढ़त के साथ 5,539.30 अंक पर रहा। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1,28,000 से अधिक हो चुकी है। जबकि दुनियाभर में इससे 4,600 अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार के यहां शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि लोगों के काम करना जारी रखने के लिए हमें बजटीय खर्च बढ़ाना होगा। उनकी संघीय सरकार ने पहले ही 11.4 अरब डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा की है।
चीन में भी नुकसान घट रहा है। कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 1.5 प्रतिशत गिरकर 2,880.14 अंक पर चल रहा है। वॉल स्ट्रीट पर गुरुवार को हुई भारी बिकवाली से 2017 में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद शेयर बाजार में होने वाले अधिकांश लाभ खत्म हो गए। एसएंडपी 500 सूचकांक 9.5 प्रतिशत गिर गया। यह पिछले महीने दर्ज किए गए अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 26.7 प्रतिशत नीचे आ चुका है। इसी तरह ‘द डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ 2,352 अंक या 10 प्रतिशत की मार के साथ बंद हुआ। यह 19 अक्टूबर, 1987 के बाद होने वाली सबसे बड़ी गिरावट है। यूरोपीय केंद्रीय बैंक के अधिक बांड खरीदने और अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए अधिक मदद करने की घोषणा के बावजूद यूरोपीय बाजारों में 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

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