विपक्षी नेताओं ने नरेंद्र मोदी के भाषणों में सेना के जिक्र को लेकर शिकायत की थी
कांग्रेस अहमदाबाद में मतदान के बाद मोदी के भाषण को लेकर भी चुनाव आयोग पहुंची थी
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने कहा- चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ
नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने सोमवार को भाजपा नेताओं पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें उनकी मांग है कि कोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से जुड़े मामलों को लेकर चुनाव आयोग को जल्द कार्रवाई के निर्देश जारी करे। शीर्ष अदालत इस पर मंगलवार को सुनवाई करेगी।
नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं के भाषणों में सेनाओं के जिक्र को लेकर कुछ दिन पहले विपक्षी नेताओं ने आयोग से शिकायत की थी। इसके बाद रविवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि चुनाव आयोग में ज्यादातर देश के नाकाम लोग काम कर रहे हैं, जो भाजपा की ज्यादतियों के महज मूकदर्शक बने हुए हैं।
मतदान के बाद मोदी के भाषण की भी शिकायत
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी ने आचार संहिता का उल्लंघन कर अहमदाबाद में मतदान के बाद राजनीतिक भाषण दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि मेरे लिए गौरवपूर्ण पल है कि अपने गृह राज्य गुजरात में वोट दिया, जैसे कुंभ में स्नान कर आनंद मिलता है वैसे ही वोट डालकर आनंद मिलता है। ये सदी पहली बार वोट करने वालों की है। नए मतदाता 100 फीसदी मतदान करें। आतंकवाद का शस्त्र आईईडी है तो लोकतंत्र की ताकत वोटर आईडी है।
सख्ती के बाद आयोग ने 4 नेताओं पर कार्रवाई की थी
15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार में नेताओं के विवादित बयानों पर चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। इसके बाद आयोग ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बसपा प्रमुख मायावती पर 48 और 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने की रोक लगाई थी। इसके कुछ देर बाद ही भाजपा नेता मेनका गांधी और सपा नेता आजम खान पर भी 48 और 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी।
आयोग ने कहा था- कार्रवाई के मामले में शक्तिहीन हैं
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने जब उत्तरप्रदेश में नेताओं द्वारा धार्मिक और विवादित बयान दिए जाने पर आयोग से कार्रवाई के बारे में पूछा तो आयोग ने कहा था कि हम ऐसे मामलों में सिर्फ नोटिस भेजकर जवाब मांग सकते हैं। इस पर नाराज बेंच ने कहा कि वास्तव में आप यह कहना चाह रहे हैं कि आप शक्तिहीन हैं।


