सत्रहवीं लोकसभा का चुनाव शायद आजाद भारत का सबसे महंगा चुनाव साबित हो सकता है, जहां चुनाव सुधार की जारी कवायद के बावजूद धन और बल दोनों का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल होता नजर आ रहा है।
सत्रहवीं लोकसभा का चुनाव शायद आजाद भारत का सबसे महंगा चुनाव साबित हो सकता है, जहां चुनाव सुधार की जारी कवायद के बावजूद धन और बल दोनों का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल होता नजर आ रहा है। पहले तीन चरण के चुनाव तक गैरकानूनी तरीके से मतदाताओं को लुभाने के लिए इस्तेमाल होने वाली नकदी, सोने चांदी और और नशीले पदार्थो समेत करीब 3153 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। मसलन पिछले 30 दिनों में इतनी बड़ी रकम की सामग्री के हिसाब से हरेक दिन करीब 105 करोड़ रुपए से भी ज्यादा गैर कानूनी रूप से खर्च किया जा रहा है। बुधवार 24 अप्रैल तक चुनाव आयोग की निगरानी टीमों द्वारा जब्त की गई 3152.54 करोड़ रुपए की संपत्ति में 742.28 करोड़ रुपए की नकदी तो पहले ही रिकार्ड बना चुकी है, जो वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पकड़ी गई 299.94 करोड़ की नकदी के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा है और अभी चार चरण यानि करीब एक माह तक चुनावी गतिविधि होनी है, Also Read – पीएम मोदी दरभंगा रैली : ये नया हिन्दुस्तान है, ये आतंक के अड्डों में घुसकर मारेगा जिसका आंकड़ा बढ़ना तय है। नकदी के अलावा 1180.79 करोड़ रुपए कीमत के 61126.90 किग्रा मादक पदार्थ, 942.95 करोड़ रुपए के सोना-चांदी और अन्य कीमती धातुएं, 238.88 करोड़ की 1.24 करोड़ लीटर शराब और 47.64 करोड़ रुपए के अन्य कीमती उपहार जब्त किए गए हैं। पिछले चुनाव का आंकड़ा चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में 2,99,94,30,804 रुपए की नकदी, 17,070 किग्रा मादक पदार्थ, 1.62 करोड़ लीटर शराब जैसी सामग्री जब्त की गई थी।
