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मस्जिदों में महिलाओं को प्रवेश देने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा

कोर्ट ने नेशनल कमीशन फॉर वुमेन, सेंट्रल वक्फ काउंसिल और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को भी नोटिस जारी किया
पुणे निवासी याचिकाकर्ता मुस्लिम दंपत्ती ने कहा- मस्जिदों में जाना और नमाज अदा करना उनका मौलिक अधिकार है।

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश की अनुमति को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने नेशनल कमीशन फॉर वुमेन, सेंट्रल वक्फ काउंसिल और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 4 हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है।
पुणे के मुस्लिम दंपत्ती ने दायर की याचिका

पुणे में रहने वाले मुस्लिम दंपत्ती ने याचिका में कहा कि मस्जिदों में जाना और नमाज अदा करना उनका मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि मस्जिदों में महिलाओं को जाने से रोकना गैरकानूनी और असंवैधानिक है।

याचिका में कहा गया है कि कुरान में कहीं भी इसका जिक्र नहीं है कि मस्जिदों में महिलाएं प्रवेश नहीं कर सकती हैं। महिला और पुरुष को उनके आस्था के आधार पर पूजा या इबादत करने का पूरा अधिकार है। वर्तमान में महिलाओं को जमात-ए-इस्लामी और मुजाहिद संप्रदाय के तहत मस्जिदों में नमाज अदा करने की अनुमति है। लेकिन, सुन्नी गुट में यह अधिकार नहीं है। मुस्लिम समुदाय में मस्जिद के भीतर महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है। उन्हें अनुमति नहीं है कि वे मस्जिद में जाकर इबादत कर सकें। एक वर्ग मानता है कि यह फैसला सरासर गलत है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।

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