National/International Socity

सिंधिया के संसदीय क्षेत्र का गांव, जहां पीने के पानी के लिए ग्रामीण रोज डालते हैं जोखिम में जान

 

गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के गांव जारसौल गांव में हर गर्मियों में होती है पेयजल की समस्या
लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार की तैयारी में ग्रामीण, सोमवार को कलेक्टर से मिलेंगे

अशोकनगर। ये हकीकत है गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के गांव जारसौल की। यहां से पांच बार से सांसद हैं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया। तमाम वादों और आश्वासन के बाद भी बाकी जन सुविधाए तो दूर की बात है। जारसौल गांव के 400 से ज्यादा ग्रामीण पीने के शुद्ध पानी तक के लिए मोहताज हैं। हर चुनाव में नेता बड़े-बड़े वादे करते हैं, समय के साथ बहुत कुछ बदला पर नहीं बदली तो इस गांव की किस्मत। गर्मी चरम पर है अब प्रशासन इसके निराकरण की संभावनाएं तलाशने की बात कह रहा है।

जारसौल में ग्रामीण एक बाल्टी पानी के लिए हर दिन जान जोखिम में डाल रहे हैं। ग्रामीण रस्सी से कुएं में उतरकर पानी की पूर्ति कर रहे हैं। गंदा और मटमैला पानी पीने से गांव में कई लोग बीमार भी हो गए लेकिन उनकी सुध अब तक किसी ने नहीं ली। पीने के पानी समस्या से परेशान ग्रामीण अब लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार की बात कह रहे हैं। सोमवार को ग्रामीण कलेक्टर से मिल उन्हें मतदान का बहिष्कार करने का पत्र सौंपेगे।
ग्रामीण देव सिंह, दौलत ने बताया कि तीन महीने से पानी की समस्या बढ़ गई। बस्ती के कुएं से मटमैला पानी आ रहा है। पानी कम बचा है इसलिए रस्सी के सहारे उतरकर पानी भरते हैं, जिसे छान कर पीने योग्य कर रहे हैं। एक साल पहले गांव में हैंडपंप तो लगा पर चालू ही नहीं हुआ। बुंदेल सिंह आदिवासी ने बताया कि गंदा और मटमैला पानी पीने से कई लोग बीमार हो गए, जिनका इलाज चल रहा है। पानी की पूर्ति के लिए बस्ती से 1 किमी दूर कुएं से भी पानी लाना पड़ रहा है।
कमर पर बांधनी पड़ती है रस्सी : सरकारी कुएं में मटमैला पानी बचा है। इस पानी काे भरने के लिए हर दिन लोग कुएं में उतरते हैं। इसके लिए पहले अपनी कमर में रस्सी बांधना पड़ती है। ताकि पत्थरों के सहारे उतरते समय गिर न जाए। वहीं एक प्राइवेट कुएं से पानी भरने के लिए भी ग्रामीणों को उसमें उतरकर पानी भरना पड़ रहा है। इसका कारण उस कुएं का जल स्तर लगातार नीचे जाना है।

जल स्तर गिरने से अधिकांश हैंडपंप सूख गए हैं। इस गांव में पिछले साल हैंडपंप लगवा दिया था। टीम को भेजेंगे ऒर दिखवाएंगे क्या बेहतर कर सकते हैं। पेयजल समस्या दूर करने हर संभव प्रयास करेंगे।
एसके जाटव, कार्यपालन यंत्री पीएचई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *