गन्ना किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने किसानों को प्रोडक्शन लिंक्ड सब्सिडी के तहत साढ़े पांच रुपये प्रति क्विंटल की सब्सिडी देने का फैसला किया है। बुधवार को दिल्ली में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
इस फैसले के बाद कृषि मंत्रालय सीधे किसानों के खाते में प्रति क्विंटल पर 5.5 रुपये सब्सिडी देगा. इससे चीनी मिलों को भी राहत मिलेगी. गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर बकाया बढ़कर 19 हजार करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया है. यह अब तक का सर्वाधिक है. मिलों से समय पर भुगतान नहीं मिलने से गन्ना किसानों को भारी आर्थिक दिक्कत हो रही थी ।
गन्ना किसानों की मुश्किलों को देखते हुए हाल ही में मंत्रियों के समूह ने तीन फॉर्मूलों पर विचार किया था. पहला. इसमें चीनी बिक्री पर सेस लगाने, दूसरा, किसानों को गन्ना बिक्री पर सब्सिडी देने और तीसरा एथेनॉल पर जीएसटी कम करने का प्रस्ताव शामिल था. मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, सेस के लिए 4 मई को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
चालू पेराई सीजन में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन 310-315 लाख टन होने का अनुमान है. दूसरी ओर वैश्विक बाजार में कीमतें कम होने से निर्यात में भी तेजी नहीं है. यही वजह है कि घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें उत्पादन लागत की तुलना में काफी नीचे बनी हुई हैं. इसका सीधा असर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान पर पड़ रहा है.
